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Sharda Scam: IPS राजीव से पूछताछ की अनुमति के लिए CBI पहुंची सुप्रीम कोर्ट

राजीव कुमार उस वक्त बिधाननगर आयुक्त थे, जब साल 2013 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था. इस कुमार घोटाले की जांच के लिए कुमार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी हिस्सा रहे थे.

Updated on: 27 Dec 2020, 06:06 PM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव सर पर है और इसी बीच करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर शुरू हुआ नया सिलसिला ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर मुसीबत बनता नजर आ रहा है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक ताजा अर्जी दायर की है.

राजीव कुमार उस वक्त बिधाननगर आयुक्त थे, जब साल 2013 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था. इस कुमार घोटाले की जांच के लिए कुमार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी हिस्सा रहे थे.

हालांकि साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच की जिम्मेदारी संघीय जांच एजेंसी को सौंपी दी गई. ममता बनर्जी के विश्वासपात्र रहे कुमार को कलकत्ता हाईकोर्ट से इस बात पर अग्रिम जमानत दे दी गई थी कि यह हिरासत में लेकर पूछताछ करने लायक एक उपयुक्त मामला नहीं है.

इसके चलते जब सीबीआई की टीम कुमार से पूछताछ करने के लिए कोलकाता में उनके आधिकारिक आवास पर गई, तो शहर के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली से आईएएनएस को बताया, जांच जारी है. गुनेहगारों को पकड़ने के लिए एजेंसी हर संभव काम करेगी. यह एक बड़ा घोटाला है.