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सागर धनकड़ मर्डर केस : कोर्ट ने सुशील कुमार की रिमांड बढ़ाने की मांग पर आदेश सुरक्षित रखा

सागर धनकड़ मर्डर केस में पुलिस ने आज फिर आरोपी पहलवान सुशील कुमार को कोर्ट में पेश किया ताकि उसकी रिमांड बढ़ाई जा सके. इस बीच कोर्ट ने दोनों ओर की बहस को सुनने के बाद फैसले का सुरक्षित रख लिया है.

Updated on: 02 Jun 2021, 05:12 PM

नई दिल्ली :

Sagar dhankad murder Case : सागर धनकड़ मर्डर केस में पुलिस ने आज फिर आरोपी पहलवान सुशील कुमार को कोर्ट में पेश किया ताकि उसकी रिमांड बढ़ाई जा सके. इस बीच कोर्ट ने दोनों ओर की बहस को सुनने के बाद फैसले का सुरक्षित रख लिया है. ओलंपियन सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस ने मुंडका इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया था. वह कुछ नकदी लेने आया था और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी से उसने स्कूटी भी उधार ली थी. दिल्ली पुलिस ने कुमार पर एक लाख रुपये और उसके सहयोगी अजय पर 50 हजार रुपये के इनाम रखा था. सुशील कुमार को दिल्ली की एक अदालत ने छह दिन की हिरासत में भेज दिया था. उसके बाद पुलिस लगातार उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. रिमांड खत्म होने के बाद आज फिर उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां सरकारी वकील और सुशील के वकील के बीच जबरदस्त बहस हुई. उसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.  चार मई को छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों के दो समूह आपस में भिड़ गए, जिससे 23 साल के पहलवान सागर धनखड़ की मौत हो गई थी. इस मामले में ओलंपियन सुशील कुमार भी आरोपी है. घटना के बाद सुशील कुमार फरार हो गया था. इसके बाद दिल्ली की अदालत ने सुशील कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया था. 

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इससे पहले सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में दलील दी कि मारा गया पहलवान सागर धनखड़ गोल्ड मेडलिस्ट था. जो भी लोग घायल हुए है, उनकी हालत अच्छी नहीं है. पुलिस के केस के मुताबिक दो लोगों को शालीमार बाग इलाके से अगवा किया गया, तीन को मॉडल टाउन इलाके से. उन सबको बुरी तरह पीटा गया, जिसमें एक की मौत हो गई. सरकारी वकील ने यह भी कहा कि हमारी जांच के मुताबिक छत्रसाल स्टेडियम में मौजूद कैमरे को तोड़ा गया. डीवीआर और मोबाइल फोन को अभी बरामद किया जाना है. सुशील कुमार वीडियो में डंडा हाथ में लिए दिखाया दिया है. वो डंडा अभी तक नहीं मिला है. सरकारी वकील ने दलील दी कि इन सब जांच के लिहाज से अहम चीजों की बरामदगी के लिए पुलिस कस्टडी जरूरी. उसने अभी तक खुद को हरियाणा में छुपा रखा था, इकबालिया बयान में उसने खुद ये कबूला है.
एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव का कहना था कि अभी तक आठ लोग गिरफ्तार हुए है. सीसीटीवी फुटेज में सबके चेहरे साफ नजर आ रहे हैं. पर हर कोई अपनी भूमिका से इंकार कर रहा है. इन सबको एक साथ बैठाकर पूछताछ करना जरूरी है. सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर बरामद करना है. वो सबसे अहम सबूत हैं. सरकारी वकील ने कोर्ट में ये भी कहा कि सुशील कुमार के मोबाइल की बरामदगी जरूरी है. उससे ही साफ होगा कि वो पिछले दिनों किन लोगों के सम्पर्क में था. 

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वहीं दूसरी ओर सुशील कुमार के वकील प्रदीप राणा ने रिमांड अर्जी का विरोध किया. प्रदीप राणा ने कहा कि सुशील कुमार कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है. पुलिस उसे ऐसे पेश कर रही है. हकीकत में वो हालात का मारा है. उसने एक बार नहीं, दो बार बार राष्ट्र का नाम रोशन किया, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और पद्म भूषण अवार्ड उसे मिला है. सुशील कुमार के वकील ने कहा कि 10  दिन रिमांड पर हो गए. सवाल ये है कि इन 10 दिनों में पुलिस ने क्या किया. अभी तक वो डंडा, कपड़े, मोबाइल बरामद नहीं कर पाए. आरोपी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता भी अहमियत रहती है. जब तक कोई पुख्ता वजह ना हो तब तक रिमाड को यूं नहीं बढ़ाया जा सकता. आप केस डायरी देखिए. पुलिस क्या कर रही थी, वो देखिए हर घंटे की पुलिस की जवाबदेही बनती है. सुशील कुमार के वकील प्रदीप राणा ने कहा कि पुलिस बार बार रिमाड अर्जी में उन्हीं दलीलों को दोहरा रही है. बिना पुख्ता वजह के रिमांड को इस तरह नहीं बढ़ाया जा सकता.

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इस पर सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने जवाब देते हुए कहा कि मारा गया सागर धनखड़ महज 23 साल का था. उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था. आखिर डीवीआर कैसे गायब हो गया. ये जघन्य हत्या का मामला है. पूरा  समाज इसे देख रहा है कि आखिर इस केस में क्या होता है. पीड़ित को इंसाफ मिलना ही चाहिए. जवाबदेही तो समाज के प्रति भी बनती है. सुशील कुमार के वकील प्रदीप राणा ने कहा कि पुलिस बार बार डीवीआर बरामदगी की बात कर रही है. जबकि डीवीआर सुशील कुमार की प्रॉपर्टी नहीं है, छत्रसाल स्टेडियम की है. पुलिस पहले ही छत्रसाल स्टेडियम को नोटिस जारी कर चुकी है, लिहाजा ये कस्टडी बढ़ाने का कोई आधार नहीं है. सुशील कुमार के वकील ने कहा कि पुलिस बार बार कह रही है कि सुशील साफ साफ नहीं बता रहा कि वो घटना के वक्त वहां था. कहा कि आर्टिकल 20(3) के तहत आप किसी आरोपी को बाध्य नहीं कर सकते कि वो आपको अपने खिलाफ सबूत मुहैया कराए. यह उसके मूल अधिकारों का उल्लंघन होगा. 
पुलिस आज मारे गए लोगों को निर्दोष बता रही है, लेकिन इनकी स्टेटस रिपोर्ट में खुद उन्हें शराब के धंधे में लिप्त बताया गया है.

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इससे पहले सुशील कुमार एक बार फिर जेल जाने की आशंका से फफक फफककर रोया. न्यूज नेशन शुरू से बता रहा है कि सुशील कुमार फरारी के दौरान जितना पुलिस से नहीं डर रहा था. उससे ज्यादा डॉन काला जठेड़ी से खौफ में था जो दुबई, बैंकॉक, थाईलैंड से ऑपरेट करता है, क्योंकि मामले में घायल सोनू माहौल काला का रिश्तेदार है और काला नहीं सुशील को धमकी दी थी कि यह उसने अच्छा नहीं किया इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा. तब से सुशील भागा फिर रहा था, आखिर में पुलिस की गिरफ्त में आ गया. रिमांड की पहली रात में वे पछतावा करके रोया था और अब दसवें दिन एक बार फिर रो पड़ा कि अगर पुलिस ने उसका रिमांड नहीं मांगा या अदालत ने उसका रिमांड नहीं बढ़ाया तो उसे जेल जाना पड़ेगा, जहां डॉन के आदमी उस पर हमला कर सकते हैं, यदि उसके साथ बुरा सलूक करेंगे. इसके अलावा पुलिस नहीं वह कपड़े बरामद कर ली हैं जो सुशील ने वारदात वाली रात पहने थे जो वीडियो में भी नजर आ रहे हैं और पुलिस का कहना है कि वीडियो पहले से उनके पास पुख्ता सबूत के तौर पर है जिनको कपड़ों से लिंक करने से साक्ष्य और मजबूत होंगे.