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रेवाड़ी गैंगरेप का मास्टरमाइंड निशू गिरफ्त में, अन्य दो आरोपियों की तलाश जारी

विशेष जांच दल (एसआईटी) की प्रमुख नाजनीन भसीन ने बताया, 'मात्र 30 घंटे में SIT की टीम ने दो लोगों (दीन दयाल और डॉक्टर संजीव) को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मुख्य आरोपी निशू को भी पकड़ लिया गया है।'

Updated on: 18 Sep 2018, 06:03 PM

नई दिल्ली:

विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हरियाणा में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले के तीन मुख्य आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है. वारदात के करीब 110 घंटे बाद यह गिरफ्तारी हुई है. एसआईटी प्रमुख नाजनीन भसीन ने कहा कि आरोपी निशू को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने रेवाड़ी में मीडिया से कहा, "उसे यहां लाया जा रहा है."

नाजनीन ने कहा कि अन्य दो मुख्य आरोपियों सेना के जवान पंकज और मनीष को गिरफ्तार करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एसआईटी ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठे कर लिए हैं. मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि लड़की को अगवा कर उसे पानी में नशीला पदार्थ पिलाने के बाद निशू ने ट्यूबवेल मालिक से कमरे की व्यवस्था करने के लिए संपर्क किया था.

वहीं इस घटना में एक अन्य आरोपी सैनिक की गिरफ्तारी को लेकर नाजनीन ने बताया, 'वह फिलहाल फरार है लेकिन उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।'

डॉ. संजीव की गिरफ्तारी पर विशेष जानकारी देते हुए नाजनीन ने कहा, 'संजीव इस मामले में संलिप्त मालूम हो रहा है। उसे इस घटना की जानकारी थी इसके बावजूद उसने किसी अधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं दी।'

भसीन ने कहा कि अन्य दो मुख्य आरोपियों -पंकज और मनीष- को गिरफ्तार करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। एसआईटी ने इसके पहले अपराध के संबंध में अन्य दो लोगों को गिरफ्तार किया था।

नाजनीन ने कहा कि करीब सौ लोगों से पूछताछ की गई है और यह पता चला है कि यही कमरा कई अन्य गलत गतिविधियों में भी इस्तेमाल हुआ है.

एसआईटी ने इसके पहले अपराध के संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही आरोपियों का सुराग देने वाले को एक लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी.

पुलिस ने महेंद्रगढ़ जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में ट्यूबवेल के कमरे के मालिक दीनदयाल को गिरफ्तार कर लिया. इसी कमरे में छात्रा से दुष्कर्म किया गया था. पुलिस ने कहा कि दीनदयाल ने आरोपियों को कमरे की चाबी दी थी, जहां उन्होंने 12 सितम्बर को यह अपराध किया.

पुलिस ने एक स्थानीय चिकित्सक संजीव कुमार को गिरफ्तार किया, जिसे आरोपियों ने बुधवार (12 सितम्बर) को दुष्कर्म के बाद पीड़िता की हालत बिगड़ने पर बुलाया था.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चिकित्सक ने पीड़िता का प्राथमिक उपचार किया था. उसे आरोपियों ने धमकी दी थी. उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की बात जानने के बाद भी पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी.

पीड़िता का 12 सितम्बर को अपहरण कर लिया गया था और उसे नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि दुष्कर्म में बारह आदमी शामिल थे.

पीड़िता के परिवार ने रविवार को हरियाणा सरकार द्वारा भेजे गए दो लाख रुपये के मुआवजा चेक को लेने से इनकार कर दिया.

पीड़िता की मां ने रेवाड़ी में कहा, "मेरी बेटी के साथ किए गए भयावह अपराध के लिए हरियाणा सरकार ने क्या यह कीमत लगाई है? हम मुआवजा लेने से इनकार करते हैं. हम अपनी बेटी के लिए न्याय चाहते हैं."

लड़की रेवाड़ी के एक अस्पताल में भर्ती है. चिकित्सकों ने कहा है कि उसकी हालत सुधर रही है लेकिन वह गहरे सदमे में है.

मामले में पुलिस और प्रशासन की लचर कार्रवाई के आरोपों के निशाने पर आए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के जालंधर में अपने प्रस्तावित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए और चंडीगढ़ लौटकर स्थिति की जानकारी ली.

चौतरफा आलोचना झेल रही खट्टर सरकार ने रविवार को रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तबादला कर दिया और उनकी जगह पर नए अधिकारी की तैनाती की.

राजेश दुग्गल की जगह राहुल शर्मा को रेवाड़ी का नया एसपी तैनात किया गया है.

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हरियाणा पुलिस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में लापरवाही बरतने के लिए आलोचना का सामना कर रही है. हरियाणा पुलिस ने शुरू में अधिकार क्षेत्र का हवाला दिया था, जिससे आरोपियों की गिरफ्तारी का व साक्ष्यों को जमा करने का महत्वपूर्ण समय बर्बाद हो गया.

राज्य के पुलिस महानिदेशक बी.एस.संधू ने इस बात को माना कि रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ की चूकों के कारण आरोपी भागने में कामयाब रहे.

आरोपी, पीड़िता के गांव के ही रहने वाले हैं और वह उन्हें जानती है. आरोपियों ने कथित तौर पर कनीना बस स्टैंड से पीड़िता का अपहरण किया, जब वह कोचिंग क्लास जा रही थी.

पीड़िता ने कहा कि उन्होंने उसे पीने का पानी दिया, जिसमें कुछ नशीला पदार्थ मिला था. इसके बाद आरोपियों ने खेत से लगे कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया.

बाद में इनमें से एक आरोपी मनीष ने गांव के पास के एक बस स्टॉप पर उसे फेंक दिया और पीड़िता के पिता को फोन कर उसे बस स्टॉप से ले जाने को कहा.

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