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ओडिशा: 50 वर्षीय महिला ने खुद को लगाई आग, बीते कई माह से दफ्तरों के लगा रही थी चक्कर 

यह मामला नेउलपुर गांव है. यहां के स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाया और महिला को नजदीक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Updated on: 21 Dec 2021, 10:35 AM

highlights

  • प्रशासन कार्यालय परिसर में आत्मदाह का प्रयास
  • जमीन बेचने को लेकर तहसीलदार पर प्रताड़ना आरोप लगाया
  • महिला को नजदीक अस्पताल में भर्ती कराया गया है

 

नई दिल्ली:

ओडिशा में 50 वर्षीय एक महिला द्वारा प्रशासन कार्यालय परिसर में आत्मदाह का प्रयास सामने आया है. जाजपुर जिले में एक स्थानीय प्रशासन कार्यालय के परिसर में सोमवार को एक महिला ने जमीन बेचने को लेकर तहसीलदार पर प्रताड़ना आरोप लगाया है. इसके बाद उसने खुद को आग लगाने का प्रयास किया. यह मामला नेउलपुर गांव है. यहां के स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाया और महिला को नजदीक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. महिला का कहना है कि बार-बार कोशिशों और तहसील प्रशासन द्वारा प्रताड़ित होने  के बावजूद जमीन का एक प्लॉट बेचने में नाकाम रहने के बाद उन्होंने आत्महत्या का फैसला किया. महिला का दावा है कि वह अपने दो बेटों की पढ़ाई के खर्च को पूरा करने के लिए एक भूखंड बेचना चाहती थी. उन्होंने कहा कि "मैंने चार माह पहले धर्मशाला के तहसीलदार से संपर्क करा था कि उन्हें समेकित भूमि का एक टुकड़ा बेचने की अनुमति मिले. 

इस पर उन्हें राजस्व निरीक्षक (आरआई) कार्यालय जाने का आदेश दिया गया. इसके बाद उन्होंने संबंधित आरआई से जरूरी रिपोर्ट एकत्र की. जब वे रिपोर्ट लेकर तहसीलदार से मिलीं, तो उनसे जाजपुर उप-जिलाधिकारी के कार्यालय से संपर्क करने को कहा गया. लगभग एक माह तक चली प्रक्रिया के बाद उप-जिलाधिकारी से मंजूरी मिल गई.

महिला का दावा है ​कि उसने हर प्रक्रिया को लेकर कार्यालय के कई चक्कर लगाए. कुछ हफ्ते पहले उसने तहसीलदार से सारी रिपोर्ट लेने के बाद मुलाकात की थी, उसे कुछ दिनों के बाद आने को कहा गया. पीड़ित के अनुसार सोमवार को जब वह संबंधित तहसीलदार से मिलने कई तो 'चाका' (चकबंदी) की जमीन होने की वजह से उसे जमीन बेचने की अनुमति देने से मना कर दिया. इस दौरान उससे दुर्व्यवहार भी किया.

इसके बाद जाजपुर कलेक्टर चक्रवर्ती सिंह से संपर्क कर उन्होंने कहा कि पीड़ित की जमीन को कानून के तहत बिक्री के लिए अनुमति नहीं है, क्योंकि यह 'चाका' भूमि है. चकबंदी (चकबंदी) कानून के अनुसार, यह बिक्री के लिए भूमि के विखंडन की अनुमति नहीं देता है.