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मुसलमानों से करोड़ों की ठगी कर फरार हुआ बैंक, शरिया की आड़ में धोखाधड़ी

कई मुस्लिम परिवार बैंकों में अपना पैसा जमा करने से कतराते हैं और ब्याज मुक्त सुविधाओं की तलाश करते हैं जो ये निजी संस्थान 'मुस्लिम फंड बैंक' के रूप में जाने जाते हैं.

Updated on: 17 Jan 2022, 12:42 PM

highlights

  • शरियत में निवेश पर ब्याज-भुगतान है गैर-इस्लामी
  • इसी का फायदा उठाकर लोगों से जमा किए करोड़ों
  • बाद में घर-बार बेचकर आरोपी हुआ दुबई फरार

बिजनौर:

मुसलमानों से उनका पैसा सुरक्षित रखने का वादा करने वाले एक निजी 'बैंक' ने सैकड़ों लोगों से ठगी की है और मुख्य आरोपी कथित तौर पर दुबई भाग गया है. पुलिस के अनुसार नगीना इलाके के सैकड़ों ग्रामीणों ने 'अल फैजान मुस्लिम फंड लिमिटेड' के पास जमा की गई गाढ़ी कमाई को खो दिया है, जो मुसलमानों के लिए निजी तौर पर एक मोहम्मद फैजी के स्वामित्व वाली फैसेलिटी है ताकि वे अपना पैसा सुरक्षित तरीके से रख सकें.

अब तक 170 पुलिस शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं और पुलिस जमाकर्ताओं को हुए नुकसान का पता लगाने की प्रक्रिया में है. नगीना के मोहल्ला लाल सराय में पांच साल से संस्था चल रही थी. आरोपी फैजी ने गांवों में अधिक ग्राहक लाने के लिए कुछ एजेंटों को भी नियुक्त किया था. पुलिस सूत्रों ने कहा कि फैजी ने कई करोड़ रुपये जमा किए होंगे. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गायब होने से पहले उसने चुपचाप नगीना कस्बे में अपना घर बेच दिया था.

शरीयत में निवेश पर ब्याज अर्जित करना या भुगतान करना गैर-इस्लामी माना जाता है और कई मुस्लिम परिवार बैंकों में अपना पैसा जमा करने से कतराते हैं और ब्याज मुक्त सुविधाओं की तलाश करते हैं जो ये निजी संस्थान 'मुस्लिम फंड बैंक' के रूप में जाने जाते हैं. नगीना स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) कृष्णा मुरारी ने कहा, 'पुलिस ने फैजी और उसके साथी के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. लोगों से पैसा इकट्ठा करने वाले दो एजेंटों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.'