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दिल्ली में युवक की हत्या ने तूल पकड़ा, मनीष सिसोदिया ने LG से की शिकायत  

 सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा, राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था की ओर मैं आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं. यहां पर नीतेश नाम के एक युवक की सबके सामने हत्या कर दी जाती है.

Updated on: 16 Oct 2022, 10:05 PM

highlights

  • सिसोदिया ने कहा कि ऐसा लगाता है दिल्ली अपराध की राजधानी है.
  • उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कानून-व्यवस्था के हालात का जिक्र किया
  • नीतेश नाम के एक युवक की सबके सामने हत्या कर दी गई थी

नई दिल्ली:

दिल्ली में एक युवक की ​सारेआम हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसे लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia)  ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कानून-व्यवस्था के हालात का जिक्र किया है. रविवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) के नाम उन्होंने एक पत्र में कहा कि दिल्ली में हालात बदतर हो चुके हैं. यहां पर कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है. दिल्ली अपराधियों की राजधानी बन चुकी है. सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा, राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था की ओर मैं आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं. यहां पर नीतेश नाम के एक युवक की सबके सामने हत्या कर दी जाती है. हत्या के बाद गुंडे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. पुलिस मात्र उचित कार्रवाई का आश्वासन दे रही है.

सिसोदिया ने इस हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि युवक के परिवारजनों पर क्या बीत रही होगी. उन्होंने कहा कि राजधानी में आए दिन इस तरह की हत्या के मामले सामने आ रहे हैं. बीते हफ्ते सुंदर नगरी के एक 25 साल के युवक  मनीष को बड़ी बेदर्दी से चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. दशहरा के दौरान मेला देखकर लौट रहे 17 साल के एक युवक शिवम की जहांगीरपुरी में हत्या की गई थी. सिसोदिया ने बताया कि उन्होंने जब इस पूरे मामले के बारे में जाना तो पता चला कि हत्या करने वाले उस इलाके पर अपना दबदबा कायम करना चाहते थे. इस कारण उन्होंने युवक को मार डाला."

सिसोदिया ने कई अन्य मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसा लगाता है दिल्ली अपराध की राजधानी है. अपराधियों में कानून व्यवस्था का कोई डर नहीं देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राजधानी में कानून-व्यवस्था का जिम्मा आपको दिया गया है. दिल्ली पुलिस आपके अंतगर्त आती है. सिसोदिया ने कहा कि उनकी प्रार्थना है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए. दिल्ली में कानून-व्यवस्था को ​ठीक किए बगैर आम जनता को राहत नहीं दी जा सकती है.