लव मैरिज, तलाक और फिर हत्या... ऐसी थी महिला सिपाही रुचि की जिंदगी
उत्तर प्रदेश की राजधानी में जिस महिला सिपाही की हत्या हुई, उसकी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे हो रहे हैं. महिला सिपाही के मर्डर के बाद पूरा परिवार शोक में है और परिवार का पहला मकसद उसके हत्यारों को सजा दिलाना है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश की राजधानी में जिस महिला सिपाही की हत्या हुई, उसकी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे हो रहे हैं. महिला सिपाही के मर्डर के बाद पूरा परिवार शोक में है और परिवार का पहला मकसद उसके हत्यारों को सजा दिलाना है. बिजनौर के नजीबाबाद में स्थित महावतपुर बिल्लौच गांव की रहने वाली महिला सिपाही रुचि सिंह के पिता एक साधारण किसान हैं. उनके पास करीब 10 से 15 बीघा खेती के लिए जमीन है और कुछ जमीन साझेदारी में लेकर उस पर भी खेती करते हैं. वे पिछले एक साल से गांव में गुड़ बनाने कोल्हू चला रहे हैं.
महिला सिपाही रुचि सिंह अपने परिवार में एकलौती बेटी थी. रुचि के दो भाई और हैं, जिसमें बड़ा भाई अंकित है, जिसकी 2 साल पहले विवाह हो चुका है और वह पिता के साथ खेती और गुड़ बनाने वाले कोल्हू में मदद करता है, जबकि छोटा भाई शुभम SI की तैयारी कर रहा है. नजीबाबाद के मूर्ति देवी सरस्वती कॉलेज से रुचि सिंह ने पढ़ाई लिखाई की थी.
ट्रेनिंग के दौरान 2019 में प्यार हुआ था
महिला सिपाही की भर्ती के लिए रुचि सिंह ने परीक्षा दी, जिसमें उसका चयन हो गया था. मुरादाबाद में उसकी ट्रेनिंग 2019 में हुई और इसी दौरान ही रुचि सिंह की उसके साथ ट्रेनिंग ले रहे सिपाही नीरज से दोस्ती हो गई. बाद में प्यार और फिर शादी में बदल गई. 2019 में रुचि सिंह ने अपने परिवार के मर्जी के खिलाफ सिपाही नीरज से शादी की.
एक साल में बिगड़ गए थे संबंध
रुचि सिंह की शादी से परिजन काफी नाराज थे और उससे संबंध समाप्त कर लिया था. नीरज से रुचि सिंह का यह रिश्ता सिपाही ज्यादा समय तक नहीं चल सका और एक वर्ष में ही दोनों के संबंध बिगड़ गए. इसके बाद उनके बीच तलाक की प्रक्रिया शुरू हो गई. नीरज से शादी करने के दौरान ही रुचि सिंह की तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से फेसबुक पर दोस्ती हो गई थी.
रुचि से छोटा भाई ही था संपर्क में
तलाक का प्रोसेज शुरू होने के बाद रुचि सिंह तहसीलदार पद्मेश के और अधिक संपर्क में आ गई थी. इसके बाद रुचि सिंह की पोस्टिंग लखनऊ में हो गईं. इन दोनों के बीच की जानकारी सिर्फ छोटे भाई शुभम को ही थी, क्योंकि परिवार के अन्य सदस्य रुचि सिंह से संपर्क में नहीं रहते थे. लगातार छोटा भाई शुभम ही उसके संपर्क में था.
परिवार का मकसद- हत्यारों को मिले सजा
रुचि सिंह की हत्या होने के बाद लखनऊ से शव को लेने के लिए छोटा भाई शुभम ही पहुंचा था, लेकिन रुचि सिंह की हत्या के बाद परिवार एकजुट है और रुचि सिंह के हत्यारों को सजा दिलाने की बात कर रहा है. परिजनों ने कहा कि उनका मकसद सारे सबूत इकट्ठा कर तहसीलदार पद्मेश, उसकी पत्नी और हत्यारे को सजा दिलाना है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर