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विदेश भेजने के नाम पर लोगों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय कबूतरबाज रैकेट का भंडाफोड़ 

एक यात्री और एक हाई प्रोफाइल एजेंट दंपत्ति की गिरफ्तारी के साथ, आईजीआई एयरपोर्ट थाने की टीम ने एक कबूतरबाज इमिग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ किया है.

Updated on: 22 Jun 2022, 05:17 PM

नई दिल्ली:

एक यात्री और एक हाई प्रोफाइल एजेंट दंपत्ति की गिरफ्तारी के साथ, आईजीआई एयरपोर्ट थाने की टीम ने एक कबूतरबाज इमिग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ किया है. 15 जून को भारतीय पासपोर्ट संख्या: R2573690 और पोलैंड निवास वीजा संख्या: ZR5282040 रखने वाले सरबजीत सिंह ने पेरिस, फ्रांस के लिए आव्रजन मंजूरी के लिए संपर्क किया. यात्री अपने साथ पोलिश रेजिडेंस वीजा लेकर जा रहा था. यात्रा दस्तावेज की जांच के दौरान, पोलिश निवास वीजा संदिग्ध लग रहा था और पूरी तरह से जांच के बाद यह पाया गया कि पोलिश निवास वीजा डुप्लिकेट कॉपी था. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पूछताछ में सरबजीत सिंह ने खुलासा किया कि वो पंजाब पुलिस के एक एएसआई जसवीर और नवा शहर, पंजाब के निवासी एक एजेंट के संपर्क में आया था. सौदा 12 लाख रुपये में तय हुआ और सरबजीत ने कथित एजेंट जसवीर को अग्रिम रूप से 60,000 रुपये नकद दिए. आरोपी जसवीर ने सरबजीत से कहा कि वह फ्लाइंग स्टार ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम की दिल्ली के जनकपुरी में  एजेंसी चलाने वाली उसकी सहयोगी प्रियंका और परवीन से संपर्क करे. इसके बाद जसवीर ने फ्लाइंग स्टार ओवरसीज के बैंक खाते में 30,000 रुपये  जमा किए.

उसने परवीन को सरबजीत के दस्तावेज भी व्हाट्सएप पर भेजे थे. कुछ समय बाद परवीन ने यात्री सरबजीत से कहा कि वो पोलेंड में व्हाट्सएप पर विशाल से संपर्क करे और उसने सरबजीत को नकली पोलिश निवास वीजा भेजा डील की बाकी रकम यात्री के वहां पहुंचने के बाद पोलैंड में विशाल उर्फ ​​पाजी को देनी थी. सरबजीत की गिरफ्तारी के बारे में सुनकर एजेंट परवीन और प्रियंका, द्वारका में अपने किराए के घर से भाग गए और लगातार अपना ठिकाना बदलते रहे.

उनकी कॉल डिटेल की बारीकी से जांच की गई और परवीन और प्रियंका को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. ये गिरोह ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के लोगों को ठग रहा था. अब तक इनके 3 और ठगी के शिकार लोग सामने आए हैं. इस बात की जांच की जा रही है ये गिरोह अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बना चुका है.