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जानकारी बचा सकती है आपको साइबर ठगी से, जानें कैसे

कभी किसी की फेसबुक आईडी फर्जी बना लेते है तो कभी किसी की फेसबुक आईडी पर अश्लील मैसेज डालकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते है.

Updated on: 20 Aug 2021, 11:51 PM

highlights

  • साइबर पुलिस मामलों की जांच के अलावा इनसे बचने के उपायों का प्रसार भी कर रही है
  • अपराधी कई लोगों के बैंक खातों की जानकारी लेकर ऑनलाइन ट्रांसेक्शन कर रहे हैं
  • कुछ लोगों को तो सेक्सटॉर्शन में फंसाकर ब्लैकमेल कर रहे है
  • नई दिल्ली:

    इंटरनेट आज जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. और जब भी किसी सवाल का जवाब इंटरनेट में ढुंढ़ा जाता है तो इंटरनेट निराश नहीं करता. लेकिन इस पर ज्यादा निर्भर रहना सही नहीं है इससे सावधानी भी बरतने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो साइबर अपराधी आपकी मेहनत की कमाई को महज एक क्लिक से सेंध लगाकर खाता खाली कर सकता है. साइबर पुलिस मामलों की जांच के अलावा इनसे बचने के उपायों का प्रसार भी कर रही है. बावजूद इसके लोग लगातार इसका शिकार हो रहे हैं.  बता दें कि सिर्फ देहरादून में ही हर दिन करीब 20 लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं.

    अपराधी कई लोगों के बैंक खातों की जानकारी लेकर ऑनलाइन ट्रांसेक्शन कर रहे हैं तो कुछ लोगों को तो सेक्सटॉर्शन में फंसाकर ब्लैकमेल कर रहे है. कभी किसी की फेसबुक आईडी फर्जी बना लेते है तो कभी किसी की फेसबुक आईडी पर अश्लील मैसेज डालकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते है. यदि किसी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है तो इसमें भेद करना आवश्यक है कि कौन असल में दोस्त है और कौन साइबर अपराधी. इसके लिए चंद बातों का ध्यान करें और समय ये आवश्यक कदम उठाएं. एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यदि कुछ बातों का ध्यान रखें तो इन सब से आसानी से बचा जा सकता है. 

    पहचानें कौन है दोस्त और साइबर अपराधी

    • रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले फ्रेंड लिस्ट देखें.
    •  फोटो अपलोड की टाइमिंग जांच लें.
    • उसके बारे में पूरी जानकारी और म्युचुअल फ्रेंड लिस्ट देख लें.
    • संदेह हो तो उसे तत्काल ब्लॉक कर दें.

    कैसे बच सकते हैं फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी से

    • सही वेबसाइट पर जाकर ही नंबर देखें.
    • यदि बैंक का नंबर देख रहे हैं तो पासबुक, डेबिट, क्रेडिट कार्ड आदि पर भी वह लिखा होता है.
    • जिस वेबसाइट से नंबर लिया जा रहा है उसके बारे में ऑनलाइन रिव्यू देख लें.
    • यदि किसी का फोन आता भी है तो उसे लास्ट ट्रांजेक्शन और व्यक्तिगत विवरण न दें. 

    पहचानें कौन है दोस्त और साइबर अपराधी 

    • रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले फ्रेंड लिस्ट देखें.
    • फोटो अपलोड की टाइमिंग जांच लें.
    •  उसके बारे में पूरी जानकारी और म्युचुअल फ्रेंड लिस्ट देख लें.
    • संदेह हो तो उसे तत्काल ब्लॉक कर दें.