राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने एक दलित व्यक्ति की पीट कर की गई हत्या के मामले में मंगलवार को गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया। आयोग ने राज्य की बीजेपी सरकार को इसका जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है।
उल्लेखनीय है कि राजकोट में रविवार को पांच लोगों ने कूड़ा बीनने वाले एक दलित की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, 'हमने खुद ही उन मीडिया खबरों पर संज्ञान लिया है, जिसमें 20 मई को शापर गांव में एक 40 वर्षीय दलित कूड़ा बीनने वाले की इलाके में रद्दी चीजों(स्क्रैप्स) को चुनने के मुद्दे पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।'
आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर पीड़ित परिवार को राहत प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
पीड़ित की पत्नी की शिकायत पर गुजरात पुलिस ने पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति(अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
आयोग ने कहा कि अगर इस संबंध में मीडिया में चल रही खबर सही है तो मानवाधिकारों के उल्लंघन का यह एक गंभीर मामला है।
बता दें कि मुकेश वानिया(40) को राजकोट जिले के शापर-वेरावल क्षेत्र के रडाडिया इंडस्ट्रीज के कर्मचारियों और फैक्ट्री मालिक ने बांध कर बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी रविवार देर रात मौत हो गई। उस पर फैक्ट्री से कुछ चुराने का आरोप लगाया गया था।
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पूरा घटनाक्रम वहां एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया और बाद में यह फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके साथ ही वडगाम के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने इस खबर को 'हैशटैग गुजरात इज नॉट सेफ' के साथ ट्वीट किया।
यह घटना उस समय घटी, जब वानिया और उसकी पत्नी चंपाबेन रडाडिया इंडस्ट्रीज के पास कूड़ा बीनने के अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थे।
फैक्ट्री मालिक जयसुख रडाडिया को शक हुआ कि मुकेश फैक्ट्री से कुछ चुराने की कोशिश कर रहा है। उसने और उसके कर्मचारियों ने मुकेश और उसकी पत्नी को पकड़ लिया और एक के बाद एक छड़ी से पिटाई शुरू कर दी।
उन लोगों ने चंपाबेन की पिटाई करने के बाद उसे जाने दिया, लेकिन मुकेश की पिटाई जारी रखी। वे लोग उसे दर्द से तड़पता छोड़ वहां से चले गए, जिसके बाद चंपाबेन कुछ लोगों को साथ लेकर वहां आई और वानिया को राजकोट सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं पुलिस ने सोमवार को मामले के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया और राज्य सरकार ने पीड़ित के परिजनों के लिए 8.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
पुलिस ने इस मामले के पांचवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जोकि नाबालिग है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और मामले में उसकी संलिप्तता साबित होने तक उसकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
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Source : IANS