गुंडा फिर मारेगा इसलिए दुकानदार ने खाईं सल्फास की 10 गोलियां, मौत
एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा देने की धमकी, गुंडई और मारपीट से तंग आकर एक दुकानदार ने सल्फास की 10 गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है.
highlights
- एससी एक्ट की धमकी और गुंडई से हुआ था परेशान
- सुसाइड नोट में पुलिस पर भी लगाया आरोप
पीलीभीत (बीसलपुर):
एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा देने की धमकी, गुंडई और मारपीट से तंग आकर एक दुकानदार ने सल्फास की 10 गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में मृतक ने पुलिस पर भी रिश्तेदार को बचाने का आरोप लगाया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. सुसाइड नोट में मृतक में लिखा है कि आज मारा कल फिर मारेगा इसलिए सल्फास की दस की दस गोलियां खा लीं.
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पीलीभीत के बीसलपुर के ग्राम नगरिया फतेहपुर निवासी गौरव पुत्र ओमपाल ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि उसके पिता ओमपाल पुत्र कालीचरण पीलीभीत रोड बारह पत्थर पर साइकिल और गैस वेल्डिंग की दुकान करते थे. वहीं, पड़ोस में श्याम सुंदर राना की दुकान है, जिनके बेटे रविंद्र राना उर्फ टिंकू उर्फ पहलवान और अरविंद राना उर्फ रिंकू भी दुकान पर बैठते हैं. टिंकू और रिंकू उसके पिता ओमपाल को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे. शिकायत करने पर एससी एसटी एक्ट के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते थे, जिसकी शिकायत उसके पिता द्वारा पुलिस से की गई, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इसकी जानकारी होने पर टिंकू रिंकू ने एक राय होकर उसके पिता को पूर्व नियोजित योजना के तहत अपनी दुकान पर लगभग शाम 5:30 बजे बुलाया. इसके बाद उसके पिता को थप्पड़ और घूंसों से मारा पीटा. कहीं शिकायत करने पर दोबारा मारने की धमकी दी. मारपीट से हुए अपमान को उसके पिता सहन नहीं कर सके और अपनी दुकान पर आकर सुसाइड नोट लिखकर सल्फास की 10 गोलियां खा लीं, जिससे उनकी मौत हो गई. सुसाइड नोट में से एक सुसाइड नोट कोतवाली के दरोगा विकास त्यागी के पास है. मृतक के पिता के बयानों के वीडियो रिकॉर्डिंग भी विकास त्यागी और कस्बा इंचार्ज सोहन सिंह के पास है.
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उधर, जो सुसाइड नोट सामने आया है, उसमें लिखा है कि जिस आदमी ने उसे मारा है उसके सब रिश्तेदार पुलिस में हैं. वह कुछ नहीं कर सकता. पुलिस का काम वह देख चुका है. उसने अपनी मौत का जिम्मेदार श्याम सुंदर का लड़का पहलवान बताया है. अनुसूचित जाति के फायदे उठाने की बात कही है और लिखा है- आज मारा है कल भी मारेगा पढ़े लिखे होने का ढोंग करता है वास्तव में गुंडा है.
सुसाइड नोट में नीचे लिखा है कि पुलिस इस कदर गिर चुकी है कि अपने रिश्तेदार को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है, इसलिए दस की दस गोलियां खाईं.
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