Geetika Sharma suicide: गोपाल कांडा का राजनैतिक भविष्य होगा तय, कोर्ट सुनाएगा फैसला
Geetika Sharma suicide: दिल्ली के फेमस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले पर आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. इस केस में हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा मुख्य आरोपी है. 11 साल पुराने केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट फैसला सुनाएगा. कोर्ट के फै
highlights
- गोपाल कांडा सिरसा से विधायक हैं
- गीतिका शर्मा ने 2012 में सुसाइड कर ली थी.
- राउज एवेन्यू कोर्ट फैसला सुनाएगा
नई दिल्ली:
Geetika Sharma suicide: दिल्ली के फेमस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले पर आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. इस केस में हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा मुख्य आरोपी है. 11 साल पुराने केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट फैसला सुनाएगा. कोर्ट के फैसले के बाद गोपाल कांड के राजनैतिक भविष्य भी तय होगा. गीतिका शर्मा गोपाल कांड की एयरलाइन कंपनी में एयरहोस्टेस थी. गोपाल कांडा वर्तमान समय में हरियाणा लोकहित पार्टी से सिरसा से विधायक हैं.
दरअसल, गीतिका शर्मा गोपाल कांडा की एयरलाइंस कंपनी में एयर होस्टेस का काम करती थी. गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को अपने घर में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी जो अशोक विहार में था. गीतिका ने सुसाइड नोट के जरिए सुसाइड के लिए गोपाल कांडा और उसकी कंपनी एमडीएलआर में वरिष्ठ प्रबंधक रहे अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था. गोपाल कांड को इस सुसाइड केस में पहले ही 18 महीनों के जेल में रहना पड़ा था. उन्हें मार्च 2014 में कोर्ट से जमानत मिली थी. गीतिका के आत्महत्या करने के 6 महीने के बाद गीतिका की मां ने भी सुसाइड कर ली थी. गीतिका की मां ने भी सुसाइड नोट के जरिए इसके लिए गोपाल कांडा को जिम्मेदार बताया था.
गोपाल कांडा की कहानी
वर्तमान समय में गोपाल कांड ने अपनी पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी से सिरसा विधानसभा सीट से विधायक है. सुसाइड केस के समय गोपाल कांडा को हरियाणा का बड़ा कारोबारी और बड़ा नेता माना जाता था. उनकी राजनैतिक गलियारों में अच्छी पकड़ थी. साल 2012 में वो कांग्रेस के भूपिंदर सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली सरकार में हरियाणा के गृह मंत्री थे. उनके पास उस वक्त गृह विभाग के अलावा शहरी निकाय, उद्योग और वाणिज्य विभाग के भी मंत्री थे.
गीतिका शर्मा के अत्महत्या की कहानी
गोपाल कांडा ने 2008 में गुड़गांव में एमडीएलआर एयरलाइंस की शुरुआत की थी. कांडा ने ये नाम अपने पिता मुरलीधर लेखा राम(MDLR) के पर शुरु की थी. हलांकि बाद में इस कंपनी से कई विवादों में नाम होने लगा जिसके बाद 1 साल के बाद 2009 में ही कंपनी बंद करनी पड़ी. उस समय गोपाल कांडा की 40 और कंपनियां शांतिपूर्वक चल रही थी. गीतिका की एंट्री केबिन क्रू के तौर पर हुआ था. लेकिन तीन साल के भीतर ही वो ट्रेनी से कंपनी के डायरेक्टर के पद पर पहुंच गई. बाद में कुछ ऐसा हुआ की वो कंपनी छोड़कर दुबई में रहने लगी. लेकिन गोपाल कांडा ने वापस भारत बुला लिया जिससे परेशान होकर वो अपने घर में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली.
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