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गली का एक गुंडा देखते ही देखते बना गैंगस्टर, जानें कौन है यशपाल तोमर 

बागपत का बरवाला गांव... जहां जन्म उस अपराधी का हुआ... जिसने साम, दाम दंड भेद...हर तरीके से अपराध को अंजाम दिया...उसका एक ही फंडा था... कैसे भी करके अपराधों का किला खड़ा करना... कहानी 20 साल पहले शुरू हुई थी...

Updated on: 25 May 2022, 09:03 PM

नई दिल्ली:

बागपत का बरवाला गांव... जहां जन्म उस अपराधी का हुआ... जिसने साम, दाम दंड भेद...हर तरीके से अपराध को अंजाम दिया...उसका एक ही फंडा था... कैसे भी करके अपराधों का किला खड़ा करना... कहानी 20 साल पहले शुरू हुई थी... जब गली का एक गुंडा देखते ही देखते गैंगस्टर बन गया और फिर शुरू हुआ वो खेल... जिसने उसे अरबों का मालिक तक बना दिया. नाम- यशपाल तोमर एक कुख्यात गैंगस्टर जिसका ठिकाना हरिद्वार जेल है... इस अपराधी के अपराधों की फेहरिस्त भी खासा लंबी है... यशपाल तोमर ने फर्जी मुकदमों में फंसा कर यूपी, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड में विवादित जमीनों को हड़पने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ी... इस तरीके से यशपाल तोमर ने करीब 166 लोगों की जमीन कौड़ियों के दाम पर हड़प ली. 

इसके साथ यशपाल अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन बैठा. यशपाल तोमर की नजर हमेशा उन संपत्तियों पर रहती थी जिन पर कुछ विवाद चल रहा हो. इसके लिए वह एक पक्ष को पकड़ कर दूसरे पक्ष पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाता था यहां तक की इसके लिए उसने हनीट्रैप तक का सहारा लिया. हालांकि, अब इस गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई का वो चाबुक चल रहा है, जो इसकी काली करतूत का खुलासा करने वाली है. 

चिटहेरा भूमि घोटाले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 135 बीघे जमीन को कुर्क किया तो इस जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ बताई जा रही है. आरोप है कि दलितों और गरीबों के सरकारी पट्टे में ये घोटाला किया गया था तो इस मामले को लेकर यूपी सरकार की कार्रवाई से उत्तराखंड ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया, क्योंकि जो FIR दर्ज की गई, उसमें कई ऐसे नाम थे, जिनका ताल्लुक उत्तराखंड के सफेदपोशों से था.

FIR में 2 सीनियर IAS और एक IPS के परिजन का नाम था. यशपाल तोमर के जरिए उत्तराखंड के नौकरशाहों के परिजनों पर दादरी में जमीन खरीदने का आरोप है. इस FIR में उत्तराखंड के सचिव सीएम मीनाक्षी सुंदरम के ससुर, प्रभारी सचिव और निदेशक खनन बृजेश संत के पिता और उत्तराखंड के DIG राजीव स्वरूप की मां सरस्वती देवी का भी नाम शामिल था. यशपाल तोमर की अबतक 300 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है तो ये कार्रवाई अभी आगे भी जारी रहेगी और जिस तरह से नए नए नाम सामने आ रहे हैं. उससे इतना तय है कि आने वाला वक्त कई चेहरों शराफत का नकाव हटाने वाला जरूर होगा.

इस शातिर के नाम कई मुकदमे दर्ज हैं. काले कारनामों की पूरी फेहरिस्त है वो अपराधी, जिसने जमीन न देने पर लोगों को धमाकाया भी, डराया भी...और नहीं माने  तो फर्जी मुकदमों में जेल तक भिजवा  दिया. एक ऐसा अपराधी जिस पर अधिकारियों की भी विशेष कृपा हुआ करती थी यशपाल तोमर जेल में है तो अभी भी इस नाम की दहशत लोगों के चेहरे पर दिखाई पड़ती है, लेकिन हर किसी को इसी बात की उम्मीद है कि यशपाल नाम की इस दहशत से अब कानून ही उन्हें निजात दिलाएगा.

एक नहीं, दो नहीं, बल्कि ऐसी कई दास्तान है...जिसमें धमकाया गया...नहीं माने तो जेल भी भेज दिया गया....क्योंकि ये उस समय की बात है....जब पुलिस पर भी मिलीभगत का आरोप था, ब्यूरेक्रेसी में भी उस गैंगस्टर का सिक्का चलता था...और इसी रसूख के चलते वो बनाता रहा वो काला साम्राज्य...जिसकी परत दर परत खुली तो सब सन्न रह गए..सिर्फ 20 साल के समय में यशपाल तोमर गली के गुंडे से गैंगस्टर बन गया...तो धीरे धीरे इसने अधिकारियों  के बीच पैठ ऐसी बनाई...कि ये अरबों की अवैध संपत्ति का मालिक तक बन गया...यशपाल पर एक्शन जारी है...लेकिन अभी भी इसे चोरी छिपे मदद मिल रही है.
  
आज भी यशपाल का डर लोगों की आंखों में देखा जा सकता है....अपनी मनमानी के लिए यशपाल ने अधिकारियों की मिलिभगत से कई लोगों पर फर्जी मुकदमे लगाए....हालांकि अब हर पीड़ित को यही उम्मीद है कि इंसाफ भी होगा और यशपाल का डर्टी गेम भी ओवर होगा. यशपाल तोमर ने चिटैहेरा के करीब एक दर्जन लोगों पर उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में फर्जी मुकदमे दर्ज कराए और इस तरीके से इस शातिर ने करीब 166 लोगों की जमीन भी हड़प ली, लेकिन कहते हैं कि पाप का घड़ा एक न एक दिन जरूर भरता है. रेप, हत्या, चोरी की गाड़ियों का काला खेल और अवैध कब्जा ऐसा कोई कर्मकांड नहीं जो इस शातिर ने न किया हो तो इतना तय है कि अब यशपाल के बुरे कामों की उल्टी गिनती शुरु  हो गई है.