गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड, 3 गिरफ्तार
फर्जी कॉल सेंटर मालिक उस बिल्डिंग के किराए का भुगतान 6 से 7 लाख रुपये महीने देता था. पुलिस के अनुसार, एक गुप्त सूचना के आधार पर एसीपी इंद्रजीत यादव के नेतृत्व में एक टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारा, जहां उन्होंने 35 लड़कों को काम करते पकड़ा.
नई दिल्ली:
गुरुग्राम में उद्योग विहार के फेज -2 की एक बिल्डिंग में 5 महीनों से चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड मुख्यमंत्री के फ्लाइंग स्क्वॉड की टीम ने शुक्रवार और शनिवार को मध्यरात्रि में किया. पुलिस ने कहा कि यहां काम कर रहे लोग अमेरिकी नागरिकों को फर्जी चेक दिखा कर उन्हें लोन देने के बहाने ठग रहे थे. वे उन्हें लोन देने का लालच देकर उनसे ई-चेक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 100 डॉलर से लेकर 500 डॉलर तक सेवा शुल्क के रूप में पैसे ऐंठते थे. सरजीत कुमार, कपिल देव पटेल और भूदेव लोहार के रूप में पहचाने गए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके पास से 5 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 1 हार्ड डिस्क और कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए गए हैं.
फर्जी कॉल सेंटर मालिक उस बिल्डिंग के किराए का भुगतान 6 से 7 लाख रुपये महीने देता था. पुलिस के अनुसार, एक गुप्त सूचना के आधार पर एसीपी इंद्रजीत यादव के नेतृत्व में एक टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारा, जहां उन्होंने 35 लड़कों को काम करते पकड़ा, जो अमेरिकी नागरिकों के साथ संवाद कर रहे थे. यादव ने कहा, युवाओं को बिना अनुमति प्राप्त कॉल सेंटरों में नियुक्त किया गया था. इसके अलावा सेंटर के पास दूरसंचार विभाग (डीओटी) का भी कोई लाइसेंस नहीं था.
उन्होंने कहा, मामले के संबंध में, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत आईटी अधिनियम सहित एक प्राथमिकी को आगे की जांच के लिए साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है.
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में पकड़े गए थे कई कॉल सेंटर
साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ अपने अभियान के तहत दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध इकाई (साइपैड) साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. उनके प्रयासों के कारण 214 से अधिक साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं. यहां तक कि पिछले 10 दिनों में कुल पांच अवैध कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया गया है, जो एचएसबीसी बैंक, एल एंड टी हैवेल्स जैसे प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी देने के नाम पर स्थानीय भारतीय नागरिकों को निशाना बनाते थे.
250 पीड़ितों से हुई थी 75 लाख की धोखाधड़ी
आखिरी मामले में तीन अपराधियों को पकड़ा गया, जिनमें से एक प्रतिष्ठित संस्थान से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग स्नातक की डिग्री हासिल कर चुका है. उन्होंने 250 से अधिक पीड़ितों से 75 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है. डीसीपी साइबर क्राइम अनिल रॉय ने कहा, 'साइपैड द्वारा की गई कार्रवाई के कारण आपत्तिजनक सामग्री वाली 278 प्रोफाइल को अवरुद्ध कर दिया गया था. इसमें ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और यूट्यूब अकाउंट शामिल हैं. अधिकतम अकाउंट ट्विटर (140) पर ब्लॉक किए गए.'
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
धर्म-कर्म
-
May 2024 Annaprashan Muhurat: अन्नप्राशन मई 2024 में कब-कब कर सकते हैं ? यहां जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
-
Saturday Jyotish Upay: शनिवार के दिन की गई यह एक गलती शनिदेव की कर सकती है नाराज, रखें ध्यान
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी
-
Ganga Saptami 2024 Date: कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी? जानें शुभ मूहूर्त, महत्व और मंत्र