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फूड एप के जरिए पहुंचा रहे थे ड्रग्स, काॅलेजों से ड्रॉप आउट आठ छात्र गिरफ्तार

देश की राजधानी में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने बड़ी छापेमारी की है. यहां पर ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी है. पुलिस ने अलग-अलग अभियान चलाकर आठ युवाओं को पकड़ा है.

Updated on: 08 Sep 2022, 09:41 AM

highlights

  • अलग-अलग अभियान चलाकर आठ युवाओं को पकड़ा
  • नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर काॅरियर नेटवर्क सेवाओं का उपयोग
  • बीटेक ड्रॉप आउट और फैशन इंजीनियर के ड्राॅपआउट शामिल हैं

नई दिल्ली:

देश की राजधानी में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने बड़ी छापेमारी की है. यहां पर ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी है. पुलिस ने अलग-अलग अभियान चलाकर आठ युवाओं को पकड़ा है जो बीबीए, एमबीए और आईआईएम, बीटेक और फैशन डिजाइन के ड्राॅप आउट छात्र हैं. ये फूड एप्स के जारिए ड्रग्स की सप्लाई किया करते थे. आरोपी छात्र खास गैग्स, स्कूल, काॅलेजों, संस्थानों, मैनेजमेंट काॅलेजों को टारगेट करके वहां पर पढ़ने वाले बच्चों को ड्रग्स की आदत लगाते हैं. इसके लिए सप्लाई अलग-अलग कुरियर से होती थी. 

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नशीली दवाओं से संबंधित खुलासा करके बड़े माॅड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इसके तहत एलएसडी के 28 ब्लॉट पेपर जब्त किए गए. 84 ग्राम क्यूरेटेड मारिजुआना और 220 हशीश को पकड़ा गया है. एलएसडी को लेकर दिल्ली में स्ट्रीट प्राइस 5 हजार प्रति स्टांप है. एमडीएमए ड्रग के लिए 4 हजार प्रति ग्राम है. इसके साथ क्यूरेटेड मारिजुआना के लिए 3 हजार प्रति ग्राम कीमत तय की गई. 

इस मामले में पकड़े गए युवकों में बीबीए, बीटेक ड्रॉप आउट और फैशन इंजीनियर के ड्राॅपआउट शामिल हैं. इसमें आईआईटी ड्रॉप आउट भी मौजूद हैं.  नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर काॅरियर नेटवर्क सेवाओं का उपयोग किया जा रहा था. इसमें वी फास्ट, ऊबर डिलीवरी, स्वीगि, जीनी और अन्य एप्स के जरिए  डिलीवरी कराई जा रही थी. सभी बरामद माल की कीमत करोड़ों रुपये है.