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सास-ससुर की हत्या की आरोपी एक कविता की तिहाड़ में 'मौत' के पीछे तमाम उलझे सवाल!

सास-ससुर के दोहरे हत्याकांड (Double Murder) में जेल पहुंची बहू कविता की सलाखों के अंदर संदिग्ध मौत ने दो सरकारी महकमों को सवालों के घेरे में ला दिया है.

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Nihar Saxena
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Kavita Double Murder

कुछ सवाल आने वाले वक्त में ही 'अनुत्तरित सवाल' बनकर दफन हो जायेंगे.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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सास-ससुर के दोहरे हत्याकांड (Double Murder) में जेल पहुंची बहू कविता की सलाखों के अंदर संदिग्ध मौत ने दो सरकारी महकमों को सवालों के घेरे में ला दिया है. एक कविता की संदिग्ध मौत ने तमाम सवाल भी खड़े कर दिये हैं. हालांकि, जेल के तमाम कथित मजबूत इंतजामों को धता बताकर हो चुकी कविता की अकाल मौत की हकीकत भी अब सरकारी फाइलों में ही दबकर रह जायेगी. रिपोर्ट में सिर्फ इतना आयेगा कि कविता ने जेल में आत्महत्या कर ली. हालांकि तिहाड़ (Tihar) जेल प्रशासन की ढीली व्यवस्थाओं पर निशान लगाते कुछ सवाल आने वाले वक्त में ही 'अनुत्तरित सवाल' बनकर दफन हो जायेंगे.

इस सवालों के जवाब कौन देगा!
कविता ने आत्महत्या क्यों की? तिहाड़ सी सुरक्षित और चाक-चौबंद बंदोबस्तों को एक कविता सी निहत्थी चंद घंटे की विचाराधीन मुलजिम ने आखिर चुनौती दे कैसे दी? इन सवालों के जवाब न कभी कोई देना चाहेगा, वक्त बीतने के साथ न ही कोई इन सवालों को याद रखेगा. कविता को उसके पति सतीश के साथ द्वारका जिले के थाना छाबला की पुलिस ने 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. दोनों पर वृद्ध दंपत्ति की हत्या का आरोप था. वृद्ध दंपत्ति थे कविता की सास (ओमवती), ससुर राज सिंह (61) और सतीश के माता-पिता. दोनों के शव घर के भीतर खून से लथपथ हालत में पड़े मिले. छाबला थाना पुलिस का दावा था कि प्रॉपर्टी विवाद के चलते सतीश और उसकी पत्नी ने दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया.

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दीवार पर सिर फोड़क दी जान
पुलिस ने जब सतीश की पत्नी कविता को गिरफ्तार करना चाहा तो उसने दीवार से अपना सिर फोड़ लिया. यह कहते हुए कि वो निर्दोष है. लिहाजा पुलिस ने हत्या के साथ-साथ उसके खिलाफ आत्महत्या की कोशिश का भी केस दर्ज कर लिया. पुलिस ने गिरफ्तार करके सतीश और कविता को अदालत में पेश किया. अदालत ने न्यायिक हिरासत में दोनों को तिहाड़ जेल भेज दिया. अगले ही दिन यानि 26 अप्रैल 2020 को आधी रात के वक्त कविता का शव संदिग्ध हालातों में तिहाड़ जेल नंबर 6 (महिला जेल) में खिड़की से लटका मिला. अब तक तो पुलिस की थ्योरी के मुताबिक सब कुछ ठीक-ठाक था. डबल मर्डर का केस भी चंद घंटों में ही दिल्ली पुलिस ने खोल दिया. आरोपी जेल भी पहुंच गये.

हत्याकांड में आया पेंच
दोहरे हत्याकांड का पूरा रुख एकदम पलटा कविता की सलाखों में संदिग्ध मौत से. जिसने न केवल तिहाड़ जेल प्रशासन के कड़े सुरक्षा इंतजामों को खोखला साबित कर दिया वरन द्वारका जिले की थाना छाबला पुलिस के पूरे 'गुडवर्क' का ही गुड़-गोबर कर दिया. कविता की जेल में संदिग्ध मौत, जिसे बाद में जेल प्रशासन ने आत्महत्या करार दिया, ने तमाम सवाल खड़े कर दिये. तिहाड़ जेल के सुरक्षा इंतजामों और दिल्ली के छाबला थाने की पुलिस की तफ्तीश पर.

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कैसे दी जान पहला बड़ा सवाल यही
तिहाड़ जेल प्रशासन के इंतजामों की बखिया उधड़ी इसलिए कि आखिर जिस जेल में परिंदा पर न मार पाये. एक कैदी दूसरे कैदी की शक्ल देखने को तरसता हो. हर कैदी हर सेकेंड सीसीटीवी कैमरों की जद में हो. आखिर ऐसे सख्त सुरक्षा इंतजामों के बीच कविता ने, जिंदगी खत्म करने के रास्ते तिहाड़ जेल के भीतर कब और कैसे खोज लिये? इतना ही नहीं जेल प्रशासन ने इतना इंतजाम भी किया है कि पहली बार जेल आने वाले कैदी खुद को मानसिक रुप से नहीं संभाल पाते हैं. लिहाजा पहली बार तिहाड़ पहुंचने वाले कैदियों की 'काउंसलिंग' का भी इंतजाम है. फिर वो कौन सी चूक हो गयी जिसके चलते कविता जेल में कदम रखने चंद घंटे के बाद ही संदिग्ध हालातों में अकाल मौत के मुंह में समा गयी?

सांप निकल गया लकीर पीट रही पुलिस
हालांकि, कविता की संदिग्ध मौत के मामले में तिहाड़ जेल प्रवक्ता राज कुमार ने कहा, 'आरोपी विचाराधीन कैदी कविता ने चुन्नी से लटक कर यह कदम उठाया. घटना की जांच के आदेश दे दिये गये हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही कारणों से परदा उठ पायेगा.' जबकि द्वारका डीसीपी अंटो अल्फांसो के मुताबिक, 'छाबला पुलिस ने जब दोनों को गिरफ्तार किया, तब तक कविता की बातचीत से ऐसा कुछ नहीं लग रहा था. मौके पर मौजूद पुलिस को जो मजबूत तथ्य और सबूत मिले, उन्हीं के आधार पर कविता और सतीश को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. जेल में क्या कुछ और कैसे हुआ? पुलिस इस बारे में कुछ नहीं बता सकती है.'

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कहीं कविता बेगुनाह तो नहीं थी
दूसरी और छाबला थाना पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'दरअसल सतीश और उसकी पत्नी कविता के बीच अक्सर झगड़ा होता था. झगड़े की वजह थी आर्थिक तंगी. सतीश लंबे समय से बेरोजगार था. लिहाजा वो रोजमर्रा के खर्चो के लिए माता-पिता पर आर्थिक रुप से निर्भर रहता था. इस बात को लेकर भी घर में अक्सर चिकचिक रहती थी.' थाना छाबला पुलिस की माने तो, 'संभव है कि, पत्नी कविता के साथ रोज रोज की चिक-चिक से आजिज सतीश ने तैश में आकर माता-पिता की हत्या कर दी. यह सोचकर कि जब वे ही जिंदा नहीं रहेंगे तो पैसों-प्रॉपर्टी को लेकर कलेश भी नहीं होगा. संभव है कि पति सतीश द्वारा इस कदर खतरनाक कदम भी उठा लिया जायेगा, कविता को इसका गुमान तक न हुआ हो. अचानक घर में रात के वक्त पति द्वारा दोहरे हत्याकांड से हतप्रभ पत्नी कविता जब सिर्फ चश्मदीद होने के चलते दोहरे हत्याकांड की आरोपी के बतौर जेल भेजी गयी, तो उससे यह सदमा बर्दाश्त ही न हुआ हो. लिहाजा उसने इसे अपनी और अपने मायके वालों की तौहीन समझकर खुद की जान देना ही ज्यादा मुनासिब समझ लिया हो.'

पुलिस की जांच पर सवालिया निशान
जो भी हो छावला थाना पुलिस ने भले ही चंद घंटों में इलाके में हुए दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली हो, मगर आरोपी कविता की तिहाड़ जेल में पांव रखने के चंद घंटे बाद ही संदिग्ध मौत को भी हल्के में लेकर नहीं भुलाया जा सकता. हालांकि अब सब कुछ निर्भर करेगा, कविता के पति सतीश के बयान पर कि आखिर वे कौन से कारण रहे जिनके चलते उसकी पत्नी आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर हुई? ऐसा तो नहीं कि, गुस्से में माता पिता को ठिकाने लगाने जैसे सतीश द्वारा उठाये गये कदम में कविता की उतनी बड़ी भूमिका ही न रही हो, जितनी जमाने के सामने लायी गयी!

HIGHLIGHTS

  • कविता की सलाखों के अंदर संदिग्ध मौत से दो सरकारी महकमें सवालों के घेरे में.
  • कहीं दोहरे हत्याकांड की आरोपी बनने की जलालत से तो नहीं की खुदकुशी.
  • उसने दीवार से अपना सिर फोड़ लिया. यह कहते हुए कि वो निर्दोष है.
Kavita delhi-police Double Murder Corona Lockdown
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