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दिल्ली हिंसा मामला : कोर्ट ने 3 छात्र एक्टिविस्ट को रिहा करने का आदेश दिया

दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली हिंसा में यूएपीए के तहत आरोपी तीन छात्रों एवं एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को रिहा करने का आदेश दिया

Updated on: 17 Jun 2021, 05:27 PM

highlights

  • दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली हिंसा में यूएपीए के तहत तीन आरोपी रिहा करने का आदेश दिया
  • कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी ने आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया
  • तीनों एक्टिविस्ट्स को दिल्ली हिंसा से संबंधित बड़ी साजिश के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली हिंसा में यूएपीए के तहत आरोपी तीन छात्रों एवं एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को रिहा करने का आदेश दिया, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 जून को जमानत दे दी थी. कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी ने गुरुवार को कहा कि तीनों आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया गया है और मामले में तिहाड़ जेल अधिकारियों को एक सूचना भेज दी गई है. अदालत ने दस्तावेजों के सत्यापन के लिए और समय की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. दिल्ली पुलिस द्वारा आरोपी के पते के सत्यापन के लिए समय मांगे जाने के बाद बुधवार को अदालत ने आरोपी की रिहाई पर आदेश टाल दिया था.

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तीनों छात्र एक्टिविस्ट्स को पिछले साल पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा से संबंधित बड़ी साजिश के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. गुरुवार को आरोपियों ने जेल से उनकी रिहाई में देरी के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ शिकायत करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था.न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे. भंभानी की पीठ ने कहा, हम निचली अदालत की कार्यवाही की निगरानी नहीं करने जा रहे हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि वह केवल यह कह सकता है कि उसे मामले से तत्परता से निपटना होगा. पीठ ने कहा, हमारे आदेश को लागू किया जाना है, उस पर दो विचार नहीं हो सकते. एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, हाईकोर्ट ने मामले को बाद में दिन में सुनवाई के लिए पोस्ट किया.

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तीन आरोपियों को जमानत देते हुए, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और अनूप जयराम भंभानी की एक हाईकोर्ट की पीठ ने कहा था, '' राज्य ने प्रदर्शन के अधिकार और आतंकी गतिविधि के बीच की रेखा को धुंधला कर दिया है और अगर इस तरह की मनोवृत्ति जारी रही तो यह लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन होगा.'' इस बीच, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा तीनों एक्टिविस्ट्स को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए आदेश पर रोक लगाने की मांग की.