ड्रग्स बनाने का नया तरीका ईजाद, घर में ही लगाया प्लांट, 18 करोड़ की हेरोइन बरामद
राजधानी में उत्तरी जिला पुलिस के नारकोटिक्स दस्ते ने ऑपरेशन स्पाइडर के तहत उच्च गुणवत्ता की 6 kg हेरोइन बरामद करी है. इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 18 करोड़ रूपए आंकी गयी है. बरामद हेरोइन के साथ दो अपराधियों को गिरफ्तार करा गया है.
highlights
- दिल्ली पुलिस ने 18 करोड़ की हेरोइन बरामद की
- बरामद हेरोइन के साथ दो अपराधियों को गिरफ्तार करा गया है
- कुछ आर्थिक तंगी की वजह से उसने अपराध की राह पकड़ ली
नई दिल्ली:
राजधानी में उत्तरी जिला पुलिस के नारकोटिक्स दस्ते ने ऑपरेशन स्पाइडर के तहत उच्च गुणवत्ता की 6 kg हेरोइन बरामद करी है. इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 18 करोड़ रूपए आंकी गयी है. बरामद हेरोइन के साथ दो अपराधियों को गिरफ्तार करा गया है, जिनमें पकड़े गए शख्स का नाम आसिम (19 वर्ष ,बरेली ,उत्तर प्रदेश) है जो ड्रग्स किंग के नाम से मशहूर तैमूर खान उर्फ भोला के भाइयों वासिम और सलमान का गुर्गा है. दुसरे शख्स का नाम वरुण (निवासी मुकुंदपुर ,उम्र 28 साल ) है जो दिल्ली में सुल्तानपुरी के ड्रग माफिया दिनेश का सप्लायर है.
पूछताछ से पता चला है कि ड्रग्स किंग तैमूर खान उर्फ भोला नौ मुकदमों में वांछित था और उसे दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स सेल ने सितंबर 2021 में सीलमपुर दिल्ली से गिरफ्तार किया था और उस पर 1.5 लाख रूपए का इनाम था. भोला ने एमीबीए किया हुआ है और वह MNC में काम करना चाहता था लेकिन कुछ आर्थिक तंगी की वजह से उसने अपराध की राह पकड़ ली और ड्रग सप्लाई करने लगा. भोला कुछ जरुरत मंद लोगो की पैसो से मदद कर देता था, जिससे उसने अपनी छवि रॉबिनहुड के तौर पर बना ली थी लेकिन उसी छवि की आड़ में यह अपने गोरख धंदे को अंजाम देता था.
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भारी मात्र में ड्रग्स की सप्लाई करने वाला भोला गिरफ्तार
जब भी पुलिस भोला की तलाश में छापेमारी करती तो इसके द्वारा पाले हुए गुर्गे इसको पहले ही सूचना दे देते और यह फरार हो जाता. दिल्ली व आसपास के राज्यों में भारी मात्र में ड्रग्स की सप्लाई करने वाला भोला गिरफ्तार होने के बाद उसके गुर्गे उसी काम में लग गए और ड्रग्स बनाने का नया तरीका ईजाद कर डाला और घर पर ही इसका प्लांट लगा दिया. ड्रग्स बनाने के लिए इस नए तरीके से तकरीबन 70 kg अफीम से 7.8 kg Morphin base और 3.9 kg सफ़ेद हेरोइन (हाइड्रोक्लोराइड) तैयार की जाती जो उच्च गुणवत्ता की हेरोइन होती है और इसे दिल्ली, UP, राजस्थान, हरियाणा इत्यादि राज्यों में छोटो छोटी खेप के रूप में सप्लाई किया जाता और उसके बाद नशे के कारोबारियों को बेच दिया जाता.
बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने जानकारी जुटाकर एक बड़ी योजना तैयार की, जिसे ऑपरेशन स्पाइडर नाम दिया गया. इस ऑपरेशन के तहत ड्रग उपयोग करने वाले,पकड़े जाने वाले और दूसरी तरफ से इसके सप्लायर के बारे में छोटी छोटी जानकारी एकत्र की जाती और इस तरह एक पूरा जाल बुना जाता और फिर सूचनाओ के आधार पर दबिश देकर अपराधियों को भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़ लिया जाता. ड्रग्स माफियाओ का नेटवर्क उत्तरी पूर्वी राज्यों से लेकर दिल्ली व आसपास के क्षत्रो से जुड़ा हुआ था. नारकोटिक्स दस्ते ने ड्रग्स माफिया भोला के गुर्गो को पकड़ कर काफी हद तक इस नेटवर्क में सेंध लगाई है.
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