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दिल्ली: फर्जी बंदूक लाइसेंस गिरोह का भंडाफोड़, MP से कश्मीर तक फैला था जाल

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी बंदूक लाइसेंस के ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो दिल्ली ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश से लेकर जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है...

Updated on: 28 Apr 2022, 03:17 PM

highlights

  • फर्जी लाइसेंस के आधार पर लेते थे हथियार
  • एमपी से कश्मीर तक फैला था जालसाजी का जाल
  • कठुआ से बनाए जा रहे थे फर्जी शस्त्र लाइसेंस

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी बंदूक लाइसेंस के ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो दिल्ली ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश से लेकर जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद 50 से ज्यादा फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले का खुलासा हुआ है. इस गिरोह की खासियत ये है कि लाइसेंस बनाने वाला व्यक्ति लाइसेंस विभाग में काम कर चुका है और उसे सभी तकनीकी जानकारियां हैं. वो फर्जी कामों के चलते विभाग से निकाला जा चुका था और तब से फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाकर मोटी कमाई कर रहा था.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि ये गैंग दिल्ली, यूपी और पंजाब में गाड़ियों की चोरी में भी शामिल था. इस गिरोह के पास से दो लाइसेंसी पिस्टल और 23 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. एक गन हाउस का मालिक मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार किया गया है. 4 फर्जी सरकारी स्टाम्प भी बरामद हुई है. क्राइम ब्रांच ने बताया कि अभिमन्यु राय उर्फ अन्नू नाम के शख्स के बारे में जानकारी मिली थी कि वो फर्जी लाइसेंस पर शस्त्र रखता है. वो चोरी की कारों का सौदा भी करता है. जिसके बाद 12 अप्रैल की रात प्रगति मैदान के पास भैरों मंदिर में फॉर्च्यूनर कार को रोक लिया. अभिमन्यु राय उर्फ अन्नू ग्वालियर के लश्कर का रहने वाला है. उसके पास से .32 बोर की रिवॉल्वर और पांच जिंदा कारतूस बरामद हुए. शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ लाइसेंसिंग प्राधिकरण से जारी हथियार लाइसेंस की एक कॉपी दिखाई. क्राइम ब्रांच की सख्ती के आगे अभिमन्यु टूट गया और उसने ग्वालियर के शकेश नाम के व्यक्ति का पता बताया. उसने चोरी की कार एमपी के मुरैना में रहने वाले आदर्श से खरीदी थी.

फर्जी लाइसेंस पर ग्वालियर के गन हाउस से ली थी रिवाल्वर

फर्जी लाइसेंस के आधार पर उसने ये रिवॉल्वर .32 बोर को ग्वालियर के एक शान गन हाउस से लिया था. बरामद फॉर्च्यूनर कार और 5 जिंदा कारतूसों के साथ रिवॉल्वर को जब्ती ज्ञापन के माध्यम से पुलिस के कब्जे में ले लिया गया है. उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और जांच की गई. आरोपी के कहने पर साकेश कुमार को रामपुरा (मप्र) से गिरफ्तार किया गया, जिसने लगातार पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उसने जम्मू कश्मीर के कठुआ जिला से 50 से अधिक शस्त्र लाइसेंस बनवाए थे. 19 अप्रैल को बंदूक घर के मालिक अशोक अग्रवाल को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने खुलासा किया कि वह अधिक मात्रा में हथियारों के लालच में साकेश द्वारा दिए गए नकली लाइसेंस पर हथियार देता था. जम्मू-कश्मीर में और छापेमारी करने पर आरोपी साकेश कुमार फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मुख्य सोर्स रामेश्वर दत्त निवासी हसगठ जिला- सांबा जम्मू-कश्मीर को भी गिरफ्तार किया गया.

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रामेश्वर बनाता था फर्जी लाइसेंस, कर चुका है लाइसेंस विभाग में काम

रामेश्वर दत्त पहले कठुआ के लाइसेंसिंग प्राधिकरण में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करता था. उसे बाद में निकाल दिया गया था. उसे प्रक्रिया और लाइसेंस विवरण के बारे में पता था, इसलिए उसे बखूबी पता था कि नकली लाइसेंस असली जैसा दिख सकता है. उसके कहने पर उसके घर से सरकारी अधिकारियों/कार्यालयों के 4 नकली टिकट बरामद हुए हैं.