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'एप' से 3 रुपये का भुगतान करते ही रक्षा मंत्रालय कर्मी के खाते से 50 हजार साफ

साइबर अपराधियों के शिकार बने पीड़ित ने जैसे ही तीन रुपये की छोटी रकम का भुगतान किया, उसके बैंक खाते से 50 हजार रुपये साफ हो गए.

Updated on: 24 Jan 2020, 02:45 PM

highlights

  • तीन रुपये का भुगतान करते ही बैंक खाते से 50 हजार साफ.
  • अनजान शख्स ने पता अपडेट करने की बात कह दिया धोखा.
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने नहीं दिया संतोषजनक जबाब.

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी को यूपीआई एप 'भीम' से तीन रुपये का भुगतान करना महंगा पड़ गया. साइबर अपराधियों के शिकार बने पीड़ित ने जैसे ही तीन रुपये की छोटी रकम का भुगतान किया, उसके बैंक खाते से 50 हजार रुपये साफ हो गए. साइबर ठगी के शिकार बने पीड़ित भानु प्रकाश सिंह ने इस सिलसिले में धारा-420 के तहत तिलक मार्ग थाने में 21 जनवरी, 2020 को एफआईआर संख्या-4 दर्ज कराई है. हालांकि घटना 18 जनवरी की है.

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रक्षा मंत्रालय का अफसर हुआ ठगी का शिकार
एफआईआर के मुताबिक, पीड़ित ने पता मान सिंह रोड स्थित रक्षा भवन ही दर्ज करवाया है. साइबर ठगों का शिकार चूंकि रक्षा मंत्रालय का अफसर हुआ है, ऐसे में नई दिल्ली जिला पुलिस पूरे मामले को चार-पांच दिन से मीडिया से छिपाए हुए है. एफआईआर के मजमून के मुताबिक, 'पीड़ित ने 11 जनवरी, 2020 को विशाखापट्टनम एक कोरियर पैकेट भेजा था. तय समय में कोरियर गंतव्य पर नहीं पहुंचा. इसी बीच 18 जनवरी को अज्ञात नंबर से उनके मोबाइल पर किसी ने फोन कॉल की. अनजान शख्स ने भानु से कहा कि उनका पता अपडेट नहीं है. उसके कहे मुताबिक भानु ने पता बता दिया.'

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लिंक भेजते ही खाते से निकल गए पैसे
एफआईआर के मुताबिक, 'पता अपडेट होते ही फोन करने वाले उस अजनबी ने एक लिंक भेजकर भानु से उसे क्लिक करके तीन रुपये का भुगतान करने को कहा. भानु ने भीम एप से तीन रुपये का भुगतान भेज दिया. इसके साथ ही अपराह्न् करीब डेढ़ बजे पांच-पांच हजार दो बार में, 15 हजार रुपये एक बार में और 25 हजार रुपये अंतिम बार में उनके खाते से निकल गए. अचानक खाते से 50 हजार रुपये रहस्यमय तरीके से निकलते देख, पीड़ित को शक हुआ. तब तक देर हो चुकी थी. बैंक खाते से 50 हजार रुपये गंवा चुके पीड़ित ने बैंक से भी बात की.'

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बैंक ने भी नहीं सुनी पीड़ित की व्यथा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गोपालापट्टनम (विशाखापट्नम) शाखा के पास से भी पीड़ित को कोई संतोषजनक जबाब नहीं मिला. तब 2-3 दिन बाद पीड़ित नई दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में एफआईआर दर्ज कराने पहुंचा. एफआईआर के मुताबिक, पीड़ित इस वक्त नेशनल डिफेंस कॉलेज से जुड़े हुए हैं. इस बाबत नई दिल्ली जिला डीसीपी डॉ. ईश सिंघल और दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा या फिर एडिशनल प्रवक्ता अनिल मित्तल की ओर से घटना के कई दिन बाद भी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.