साइबर अपराधियों ने अब तक अपनाए हैं इतने हथकंडे, ये रही पूरी लिस्ट
क्या ऐसे घोटाले भी हो सकते हैं. साइबर क्राइम आजकल एक बड़ी समस्या बन गयी है, जो डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग करके विभिन्न प्रकार की अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है.
नई दिल्ली:
आज की तारीख में इंटरनेट पर कब कौन कैसे स्कैम का शिकार हो जाए कोई नहीं जानता है. हर स्कैमर स्कैम करने का तरीका बदल रहे हैं. कई बार तो ऐसे स्कैम को अंजाम दे दे रहे हैं, जिनके बारे में जानने के बाद यकीन ही नहीं हो रहा है कि क्या ऐसे घोटाले भी हो सकते हैं. साइबर क्राइम आजकल एक बड़ी समस्या बन गयी है, जो डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग करके विभिन्न प्रकार की अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है.
इनमें व्यक्तिगत जानकारी के चोरी, धोखाधड़ी, ऑनलाइन धमकी, साइबर बुलिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग, मानव तस्करी, आतंकवादी उत्पादन, ऑनलाइन धोखाधड़ी, वेबसाइट धोखाधड़ी, विदेशी मुद्रा अदालत, और ऐसे अन्य अपराध शामिल हैं. आज इस आर्टिकल में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि घोटालेबाजों ने कितने तरह के स्कैम किए हैं.
कैसे-कैसे हो रहे हैं स्कैम?
व्यक्तिगत जानकारी के चोरी (Identity Theft), जिसे हम पर्सनल डाटा की चोरी भी कहते हैं. इसमें व्यक्ति के नाम, पता, क्रेडिट कार्ड जानकारी, आदि शामिल होती है. इसके बाद आता है, ऑनलाइन धमकी (Online Threats). यह व्यक्ति को ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर धमकाने के रूप में होता है, जैसे कि बिना किसी कारण के या परेशान करने के लिए धमकी देना. इसमें साइबर अपराधी सामने वाले व्यक्ति को धमकी देकर कोई काम या पैसा वसूल लेते हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि साइबर अपराधी बच्चों को भी टारगेट कर रहे हैं, वो साइबर बुलिंग (Cyber Bullying) के जरिए बच्चों पर अटैक कर रहे हैं. यह इंटरनेट पर अन्य व्यक्तियों को अपमानित करने की प्रक्रिया है, जैसे कि गंदी या आक्रामक टिप्पणियां करना, आदि.
फिशिंग (Phishing) की बारी आती है. यह धोखाधड़ी की तकनीक है जिसमें अप्रामाणिक ईमेल, संदेश, या वेबसाइट के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है.
आतंकी भी साइबर वर्ल्ड में जमा चुके हैं अपनी पांव
साथ ही मानव तस्करी (Human Trafficking) भी एक बड़ी समस्या है, इसमें व्यक्तिगत जीवन की अन्यायपूर्ण रूप से बेची जाने वाली व्यक्तियों का अपहरण और उनकी विक्रय की गतिविधियां शामिल हैं. साइबर की दुनिया में आतंकी भी एक्टिव हो गए हैं. आतंकवादी (Terrorist Propaganda) जिसके जरिए सॉफ्ट लोगों पर टारगेट करके उन्हें बहकाना. इसमें आतंकवादी समूहों द्वारा अप्रिय या विवादास्पद सामग्री का उत्पादन और वितरण शामिल है.
साथ ही अप्रामाणिक वेबसाइटों के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी चोरी की जाती है या धोखाधड़ी के उपायों के माध्यम से धन के लिए लोगों को लुभाया जाता है. इन प्रकार के साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ ही व्यक्तिगत स्तर पर सजागता बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके लिए सशक्त नियम, कड़ी कार्रवाई, और जागरूकता की आवश्यकता है.
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