कोरोना के बीच देश में बढ़ा साइबर क्राइम, MHA के पैनल ने संसद में दी जानकारी
डिजिटल इंडिया के विस्तार के साथ ही देश में साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक 2020 में साइबर क्राइम में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
highlights
- NCRB के मुताबिक देश में तेजी से बढ़ रहा है साइबर क्राइम का ग्राफ
- पुलिस में तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को भर्ती बढ़ाने की सिफारिश
- डार्क वेब मॉनिटरिंग सेल के साथ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल गठन की जरूरत
NEW DELHI:
डिजिटल इंडिया के विस्तार के साथ ही देश में साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक 2020 में साइबर क्राइम में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह जानकारी केन्द्रीय गृह मंत्रालय से संबंधित कमेटी की रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एनसीआरबी के मुताबिक वर्ष 2017 में देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों को मिलाकर कुल 21,796 दर्ज हुए थे, जो 2018 में बढ़कर 27,248 हो गया. 2019 में साइबर अपराध की कुल 44735 केस दर्ज हुए, जो 2020 में बढ़कर 50035 हो गया. यह दिखाता है कि डिजिटल इंडिया के विस्तार के साथ ही देश में साइबर क्राइम भी तेजी बढ़ रहा है.
साइबर फ्रॉड की सबे ज्यादा हो रही है वारदात
साइबर क्राइम की कुल घटनाओं मेंसबसे ज्यादा फ्रॉड से संबंधित है. 2020 में दर्ज हुए 50,035 में से 30,142 मामले यानी 60.2 प्रतिशत मामले धोखाधड़ी से जुड़े हुए थे. वहीं, शारीरिक शोषण से जुड़े 3,293 केस दर्ज हुए थे, जोकि कुल मामले का 6.6 प्रतिशत है. इसके अलावा उगाही के कुल 2,440 दर्ज हुए, जोकि कुल अपराध का 4.9 प्रतिशत है. देश में बढ़ते साइबर अपराध पर गृह विभाग की कमेटी ने चिंता जाहिर की है। गौरतलब है कि साइबर अपराधी वारदात को अंजाम देने के लिए नित्य नए हथकंडे अपनाते हैं. कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें इस बात पर चिंता जताई गई है कि देश में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध के बावजूद पंजाब, असम, राजस्थान और गोवा जैसे राज्यों में एक भी साइबर सेल का गठन नहीं किया गया है.
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पुलिस में सुधार की जरूरत
समिति ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सलाह दी है कि वे राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को आदेश दे कि हर जिले में कम से कम एक साइबर सेल का गठन किया जाए. इसमें यह भी कहा गया है कि राज्यों को चाहिए कि साइबर क्राइम के लिए कुख्यात स्थानों को चिन्हित कर अपराध घटित होने से पहले ही सक्रिय उपाय किए जाएं, ताकि साइबर अपराधियों पर लगाम कसी जा सके. इसके अलावा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया है कि अब तक जो भी साइबर सेल गठित किए गए हैं, उसको भी अधुनिक बनाने और पारंपरिक पुलिस के स्थान पर डार्क वेब मॉनिटरिंग सेल के साथ ही सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल गठन करने की भी जरूरत है. रिपोर्ट में यह बी कहा गया है कि पुलिस में तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को भर्ती करने की जरूरत है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह विभाग की स्टैंडिंग कमेटी ने पुलिस ट्रेनिंग. पुलिस सुधार और पुलिस आधुनिकीकरण पर अपनी रिपोर्ट में ये बातें कही है. इस रिपोर्ट को गुरुवार को संसद के पटल पर रखा गया.
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