AAP विधायक नरेश यादव को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र 20 दिन पहले से रचा गया

विधायक नरेश यादव (Naresh Yadav) को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र करीब 20 दिन पहले ही रच लिया गया था.

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Nihar Saxena
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AAP विधायक नरेश यादव को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र 20 दिन पहले से रचा गया

मंगलवार को मंदिर से लौटते वक्त हुआ हमला.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

वसंतकुंज इलाके आम आदमी पार्टी (AAP) के महरौली से मंगलवार को विजेता घोषित हुए विधायक नरेश यादव (Naresh Yadav) को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र करीब 20 दिन पहले ही रच लिया गया था. चुनावी सरगर्मियों के चलते चूंकि नरेश यादव के आसपास भीड़ हमेशा मौजूद रहती थी, साथ ही चुनावी माहौल में दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी भी ज्यादा थी, इसीलिए वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सका. यह तमाम सनसनीखेज खुलासे दिल्ली पुलिस के ही एडिशनल कमिश्नर (DSP Delhi Police) स्तर के एक अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर किये.

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पुरानी रंजिश संभव
संबंधित आला पुलिस अफसर ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत में कहा, 'अब तक सामने आये तथ्यों से यह गैंगवार का अंजाम नहीं लगता. पुरानी रंजिश और चौधराहट को लेकर सब कुछ हुआ लगता है. फिर भी जांच पूरी होने तक और सभी आरोपियों/षडयंत्रकारियों की गिरफ्तारी से पहले कुछ ठोस कह देना ठीक नहीं होगा.' वारदात गैंगवार का नतीजा नहीं है यह आप किस आधार पर कह सकते है? पूछे जाने पर इसी आला पुलिस अफसर ने बताया, 'दरअसल पीड़ित पक्ष से बातचीत के बाद कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जो कम से कम गैंगवार की बात को नकार रहे हैं. फिर भी हम पीड़ित पक्ष से मिली जानकारियों भर पर जांच को अंजाम तक नहीं पहुंचा सकते. पुलिस को कानूनी रूप से अदालत में चूंकि केस साबित करना होता है, लिहाजा पड़ताल पूरी करना जरूरी है.'

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मंदिर से लौटते वक्त दागी गई गोलियां
उल्लेखनीय है कि मतगणना प्रक्रिया तकरीबन समाप्त होने और नरेश यादव के विजयी घोषित होने के बाद उन पर मंगलवार रात वसंतकुंज किशनगढ़ इलाके में अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं. घटना के वक्त विधायक अपने शुभचिंतकों के साथ मंदिर से वापस लौट रहे थे. हमले में अशोक मान नाम के एक शख्स की मौत हो गयी, जबकि आम आदमी पार्टी विधायक नरेश यादव की जान बच गयी. घटना के बाद मौके पर तमाम आला पुलिस अफसर, फॉरेंसिक टीम पहुंच गयी. पुलिस को उम्मीद है कि, जिस इलाके में घटना घटी है अगर वहां कोई सीसीटीवी फुटेज मिल जाये, तो हमलावरों की पहचान आसानी से और वक्त गंवाये बिना हो जायेगी.

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तफ्तीश जल्द पूरी होने की उम्मीद
दूसरी ओर पड़ताल में जुटी टीम में शामिल सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी के मुताबिक, 'सीसीटीवी फुटेज मिल जाये तो बेहतर होगा. नहीं भी मिल पाया तो पीड़ित पक्ष से काफी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जो हमलावरों तक पहुंचने में मददगार साबित होंगी. कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. बस हिरासत में लिये गये लोगों के जरिये हमलावरों तक पहुंचने की कड़ी से कड़ी जुड़ जाये तो तफ्तीश जल्दी पूरी होने की उम्मीद है.' इसी एसीपी स्तर के अधिकारी ने भी अपनी पहचान न खोलने की शर्त पर माना, 'हमले की योजना चुनाव के बीच में ही थी. मगर पुलिस की मौजूदगी ने ऐसा नहीं होने दिया. मतगणना के बाद हमलावरों को लगा कि अब पुलिस और प्रत्याशी सब सुस्त हो चुके हैं, लिहाजा उन्होंने मंगलवार को घटना को अंजाम दे दिया.'

HIGHLIGHTS

  • नरेश यादव को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र करीब 20 दिन पहले ही रच लिया गया था.
  • चुनाव के दौरान दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी से वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सका.
  • पुरानी रंजिश और चौधराहट को लेकर हमला हुआ लगता है. तफ्तीश जल्द होगी पूरी.
AAP MLA Murder Attempt Case Delhi Assembly Elections 2020 Naresh Yadav Firing
      
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