आदर्श को-ऑप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 124 लोगों के खिलाफ चार्जशीट

ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने 124 व्यक्तियों, कंपनियों और फर्मों के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिसमें एसीसीएसएल, मुकेश मोदी और आदर्श समूह की कंपनियों या फर्मों या एलएलपी के लिए जिम्मेदार निदेशक या भागीदार या व्यक्ति शामिल हैं.

ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने 124 व्यक्तियों, कंपनियों और फर्मों के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिसमें एसीसीएसएल, मुकेश मोदी और आदर्श समूह की कंपनियों या फर्मों या एलएलपी के लिए जिम्मेदार निदेशक या भागीदार या व्यक्ति शामिल हैं.

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Ravindra Singh
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ईडी( Photo Credit : आईएएनएस)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) मामले की जांच के सिलसिले में 124 लोगों, कंपनियों और फर्मों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने 124 व्यक्तियों, कंपनियों और फर्मों के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिसमें एसीसीएसएल, मुकेश मोदी और आदर्श समूह की कंपनियों या फर्मों या एलएलपी के लिए जिम्मेदार निदेशक या भागीदार या व्यक्ति शामिल हैं, रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ कंपनीज या फर्म या एओपी, वीरेंद्र मोदी ग्रुप ऑफ कंपनीज या व्यक्ति और अन्य शामिल हैं.

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गौरतलब है कि ईडी ने कुछ महीने पहले राजस्थान, हरियाणा, नई दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में फैली 1,489 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया था. इसके बाद आज चार्जशीट दाखिल की गई. वित्तीय जांच एजेंसी ने राजस्थान पुलिस द्वारा मुकेश मोदी, राहुल मोदी और आदर्श समूह के अन्य लोगों, एसीसीएसएल के अधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात के अपराधों पर दर्ज एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया है.

इसने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला है कि एसीसीएसएल ने अपनी जमा राशि पर उच्च ब्याज दर की पेशकश करके आम लोगों को लुभाया. जो धन एकत्र किया गया था, वह मुकेश मोदी की कंपनियों या फर्मों और उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों को ऋणों की आड़ में अवैध रूप से निकाला गया, जिसका लाभ अवैध और उनके अचल संपत्ति कारोबार के साथ एकीकृत किया गया.

एसीसीएसएल है पंजीकृत सोसायटी
एसीसीएसएल केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सहकारिता विभाग के तहत एक अंतर्राज्यीय सोसायटी के रूप में पंजीकृत है. कथित तौर पर कद्दावर राजनेताओं से संबंध रखने वाले मुकेश मोदी को एसएफआईओ ने उनके सहयोगियों की फर्जी कंपनियों में कर्ज के तौर पर हेराफेरी करने का आरोपी बनाया है ताकि रियल स्टेट में निवेश किया जाए. सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटी विवेक अग्रवाल के आदेश के अनुसार, एसीसीएसएल के संस्थापक मुकेश मोदी का संबंध 120 निजी कंपनियों से था. इन 120 कंपनियों में से 43 कंपनियों को सोसायटी की ओर से 2,334.30 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया.

फर्जी निकली कंपनियां
आरोप है कि ये कंपनियों फर्जी निकली क्योंकि उनके दिए पते पर उनका कोई कारोबारी कार्यकलाप नहीं चल रहा था. एसएफआईओ और आयकर विभाग ने इससे पहले कृषि मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कहा गया कि मुकेश मोदी (एसीसीएसएल) ने 9,474 करोड़ रुपये की जमा राशि का संग्रह किया था. कर्ज और अग्रिम के तौर पर बकाया राशि 12,433 करोड़ रुपये थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 180 कंपनियों व व्यक्तियों को 12,406 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई जिनमें से 122 कंपनियों का पूर्ण नियंत्रण मुकेश मोदी परिवार और उनके रिश्तेदारों के पास था.

HIGHLIGHTS

  • प्रवर्तन निदेशालय ने 124 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
  • 43 कंपनियों को सोसायटी की ओर से कर्ज दिया गया
  • 122 कंपनियों का पूर्ण नियंत्रण मुकेश मोदी परिवार के पास
एसीसीएसएल SCCSL Chargesheet on 124 People Adarsh Cooprative ed money laundering
      
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