बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली मोदी-योगी सरकार मे बेटियां पढ़ाई छोडकर घर बैठने को मजबूर हो रही है। जहां एक ओर योगी सरकार एन्टी रोमियो स्क्वायड के जरिये छेडछाड की घटनाओ को अंजाम देने वाले मनचलों को सबक सिखाने का दावा कर रही है वहीं 30 लड़कियों के एक साथ पढ़ाई छोडने के फैसले से इस दावे की हवा निकलती दिखाई दे रही है।
कारगिल युद्ध में देश की सुरक्षा के लिए जान देने वाले शहीद बिन्दरपाल के गांव कांसेपुर बहरामपुर की बेटियां सुरक्षित नही है।
दरअसल, सहारनपुर जिले के बेहट इलाके के गांव कांसेपुर बहरामपुर में कोई इंटर कालेज नही है। जूनियर स्कूल में पढ़ने के बाद गांव के छात्र-छात्राएं आगे की पढ़ाई के लिये पड़ोस के गांव कम्बो हमाजारा स्तिथ यमुना खादर इंटर कालेज जाती है।
गांव की करीब 70-80 छात्र-छात्राएं इस कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने जाती है। लेकिन पिछले 10 दिनों से यहां के हालात जुदा है। काँसेपुर से कोई भी छात्र-छात्रा कालेज नही जा रहा है।
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छात्राओं के अनुसार कालेज में बढ़ रही छेड़ खानी की घटनाओं से परेशान होकर स्कूल को छोड़ना पड़ रहा है। छात्राओं के इस कदम पर छात्रों ने भी अपना समर्थन दिया है और लड़को ने भी स्कूल न जाने का एलान किया है।
छात्राओं का कहना है कि कॉलेज को चारदीवारी और कॉलेज के आसपास मनचलों द्वारा को जाने वाली छेड़छाड़ की शिकायत जब कालेज के प्रधानाचार्य से की गई तो उन्होंने कालेज की बदनामी होने की बात कहते हुए छात्राओं को चुप रहने को कहा।
आरोप ये भी है कि जब अभिभावक इस मामले को लेकर प्रधानाचार्य से मिले तो उन्हें भी उल्टे पांव वापस कर दिया गया। पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में भी गुस्सा है और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता है।
वहीं इस पूरे मामले पर एसपी देहात का कहना है कि गांव मे पुलिस भेज दी गयी है और छात्राओं से आरोपियों के बारे में जानकारी कली जा रही है।
एसपी का कहना है कि छात्राओं के साथ किसी भी तरह की बदसलूकी को बर्दाश्त नही किया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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Source : News Nation Bureau