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Bengaluru: बच्चा चोरी के झूठे आरोप में युवक पीटा, मौत के लिए कौन जिमेदार!

आईटी सिटी बेंगलुरु में दिल दिहलाने वाली घटना सामने आई. झारखंड के रहने वाले एक शख्स की कुछ लोगों ने बच्चा चोर समझ कर पिटाई की, जिसके कुछ घंटों बाद उनका शव फुटपाथ पर पुलिस को मिला.

Updated on: 07 Oct 2022, 10:55 PM

बेंग्लुरु:

आईटी सिटी बेंगलुरु में दिल दिहलाने वाली घटना सामने आई. झारखंड के रहने वाले एक शख्स की कुछ लोगों ने बच्चा चोर समझ कर पिटाई की, जिसके कुछ घंटों बाद उनका शव फुटपाथ पर पुलिस को मिला. इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. मृतक की पहचान संजय टुडू (33) निवासी झारखंड के रूप में हुई है और वह बेंगलुरु में राजमिस्त्री का काम करता था. हालांकि, अब बेंगलुरु के ही एक शख्स ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शख्स ने कहा कि संजय की मौत पुलिस लॉकअप में हुई थी और मामले को दबाने के लिए शव को फुटपाथ पर फेंक दिया था. पुलिस ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

क्या कहना है बेंगलुरु के व्हाइटफाइल्ड डिविजन की पुलिस का

बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड डिविजन के डीसीपी एस गिरीश का कहना है कि 24 सितंबर को बेंगलुरु के व्हाइटफाइल्ड पुलिस डिविजन के केआर पुरम पुलिस थाने के लिमिट्स में एक अज्ञात का शव मिला था. शव पर कोई बड़ी बाहरी चोट नहीं थी. पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174(c) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. शव के पास से न कोई मोबाइल फोन मिला और न ही कोई पहचान पत्र. 

केआर पुरम पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और सीसीटोवी फुटेज को खंगाला तो पता चला कि बेंगलुरु ईस्ट डिविजन पुलिस के रामामूर्ति नगर थाने में पढ़ने वाले इलाके से संजय आया था. पुलिस ने कार्रवाई आगे बढ़ाई तो पता चला कि 23 सितंबर को रामामूर्ति नगर पुलिस थाने के लिमिट्स में कुछ लोगों ने संजय को बच्चा चोर समझ कर पिटाई की थी. पिटाई के बाद रामामूर्ति नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और संजय को लेकर चली गई थी, लेकिन कुछ देर बाद संजय थाने से चला गया था और उसने शिकायत दाखिल कराने से भी इनकार किया था.

केआर पुरम पुलिस ने संजय के परिवार वालों से झारखंड में संपर्क किया था, लेकिन वहां से शव लेने के लिए कोई आने को तैयार नहीं था. लिहाजा पुलिस ने ही संजय का अंतिम संस्कार कर लिया. अब पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने संजय पर हमला किया था.

किसने लगाए पुलिस पर आरोप

बेंगलुरु के रहने वाले परमेश वी ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, कर्नाटक के मुख्यमंत्री और पुलिस अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा कि संजय की मौत राममूर्ति नगर पुलिस थाने की लॉकअप में हुई है. परमेश के मुताबिक, 23 तारीख की रात को कुछ लोगों ने बच्चा चोर समझ कर संजय की पिटाई की और फिर संजय को रामामुर्थी नगर पुलिस के हवाले किया. 

पुलिस हौसला में संजय को थाने लिया गया और इस बात के वीडियो प्रमाण है, लेकिन थाने में संजय की पिटाई की गई. इसके बाद उसकी मौत हो गई. थाने में हुई मौत से घबराए रामामूर्ति नगर थाना इंचार्ज ने केआर पुरम पुलिस थाने से संपर्क किया और दोनों थानों की पुलिस ने एक साजिश के तहत संजय के मृत शरीर को केआर पुरम इलाके के फुटपाथ पर डाला दिया. इसके बाद दोनों थानों की पुलिस ने उन लोगों को थाने बुलाया, जिन्होंने संजय की पिटाई की थी. उनसे कहा कि उनकी पिटाई की वजह से संजय की मौत हो गई है और उनसे उन्हें बचाने के लिए 20 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर लिए. 

क्या कहना है बेंगलुरु ईस्ट डिविजन पुलिस का

बेंगलुरु ईस्ट डिविजन के डीसीपी भीमाशंकर गुलेद ने परमेश के लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया. उनके मुताबिक, 23 सितम्बर की रात को पुलिस संजय को राममूर्ति नगर से पिटाई के बाद लेकर थाने लेकर गई थी. संजय थाने में होश में था पर शराब के नशे में था और सिर्फ चार मिनट थाने में मौजूद था, लेकिन वो किसी के खिलाफ केस करना नहीं चाहता था. चार मिनट बाद ही वो थाने से चला गया और यह सब थाने की सीसीटीवी में रिकॉर्ड है. ऐसे में उसकी पिटाई का सवाल ही पैदा नहीं होता.

डीसीपी ईस्ट के मुताबिक, राममुर्थी नगर की पुलिस इस बात से अनभिज्ञ थी कि 24 सितंबर को केआर पुरम थाने की पुलिस ने संजय का शव बरामद किया था. कुछ दिन पहले ही जांच के क्रम में राममूर्ति नगर पुलिस को इसकी जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने केआर पुरम पुलिस के साथ पूरा सहयोग किया. वहीं, डीसीपी भीमाशंकर ने परमेश की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि रामामूर्ति नगर पुलिस इंस्पेक्टर ने 2018 में परमेश को गिरफ्तार किया था. लिहाजा, वो अब उन पर झूठे आरोप लगाकर पुलिस को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है.