logo-image

Bulli Bai और Sulli Deals केस के आरोपियों को जमानत, कोर्ट ने लगाईं ये पाबंदियां

कोर्ट के जमानत आदेश में शामिल शर्तों में यह बताया गया है कि दोनों आरोपी किसी भी पीड़ित से संपर्क करने, उन्हें प्रभावित या प्रेरित करने की कोई कोशिश नहीं करेगा.

Updated on: 29 Mar 2022, 08:26 AM

highlights

  • दिल्ली की अदालत ने माना कि आरोपी पहली बार अपराधी बने हैं
  • दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 2700 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी
  • दोनों आरोपियों पर जमानत के साथ सख्त शर्तें और पाबंदियां लगाई गईं

New Delhi:

दिल्ली के एक कोर्ट ने बुल्ली बाई एप केस ( bulli bai app case) के आरोपी नीरज बिश्नोई और सुल्ली डील्स ऐप ( sulli deals app) बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर को मानवीय आधार पर जमानत दे दी. अदालत ने माना कि आरोपी पहली बार अपराधी बने हैं और लगातार जेल में कैद रहना उनके लिए नुकसान देने वाला होगा. हालांकि कोर्ट ने आरोपियों पर सख्त शर्तें और पाबंदियां लगाई हैं. कोर्ट ने कहा कि वे किसी गवाह को धमका न सकें और किसी भी सबूत को खराब न कर सकें इसलिए शर्ते लगाई जा रही हैं. 

कोर्ट के जमानत आदेश में शामिल शर्तों में यह बताया गया है कि दोनों आरोपी किसी भी पीड़ित से संपर्क करने, उन्हें प्रभावित या प्रेरित करने की कोई कोशिश नहीं करेगा. कोर्ट ने कहा है कि आरोपी किसी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, जांच अधिकारी को अपने संपर्कों का पूरा विवरण देगा, अपना फोन हमेशा चालू रखेगा और जांच अधिकारी को अपनी जगह ( Location) बारे में बताएगा. इसके अलावा आरोपी देश नहीं छोड़ने और हर तारीख को अदालत के सामने पेश होने की हिदायत दी गई है. साथ ही जमानत पर रहते हुए एक समान अपराध नहीं करने को लेकर भी सख्ती से आदेश दिया गया है.

दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट कर रही जांच

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स  ऐप मामले में चार्जशीट में ओमकारेश्वर ठाकुर और नीरज बिश्नोई को आरोपी बनाते हुए कुल 2700 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें 2000 पेज बुल्ली बाई और 700 पेज सुल्ली डील से जुड़ी थी. 4 मार्च को स्पेशल सेल ने दिल्ली की स्थानीय कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. केस की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट कर रही थी.

ये भी पढ़ें- क्या है Sulli Deals और Bulli Bai ऐप कनेक्शन? साजिशों की पूरी डिटेल्स

मुंबई पुलिस के आरोपपत्र का दावा

इससे पहले मुंबई पुलिस ने अपने आरोप पत्र में बताया था कि बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई ने एक सह-आरोपी को 100 मशहूर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें नीलामी के लिए भेजने को कहा था. गिरफ्तार आरोपियों में से एक नीरज सिंह के बयान का हवाला देते हुए पुलिस ने दावा किया कि जून 2020 में विश्नोई ने सिंह को कहा था कि वह सोशल मीडिया ग्रुप पर कुछ बड़ा ‘धमाका’ करने की योजना बना रहा है. इस तरह की गतिविधियां दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने के लिए की गई थीं. इसका मकसद कुछ महिलाओं को डराना या अपमानित करना था.