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अतीक अहमद वसूलता था 'चुनावी टैक्स-गुंडा टैक्स', जारी करता था सफेद-गुलाबी पर्ची

Atiq-Ashraf Murder Case : पूर्वांचल के बाहुबली माफिया डॉन अतीक अहमद की हत्या के बाद एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं. अतीक अहमद चुनाव लड़ने के लिए व्यापारियों से चुनाव टैक्स लेता था. वह दो तरह की पर्चियां जारी करता था.

Updated on: 18 Apr 2023, 06:10 PM

प्रयागराज:

Atiq-Ashraf Murder Case : पूर्वांचल के बाहुबली माफिया डॉन अतीक अहमद की हत्या (Atiq-Ashraf Murder Case) के बाद एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं. अतीक अहमद चुनाव लड़ने के लिए व्यापारियों से चुनाव टैक्स लेता था. वह दो तरह की पर्चियां जारी करता था. दोनों पर्चियों का अलग-अलग रेट तय था. अतीक अहमद छोटे व्यापारियों-बिल्डरों को गुलाबी पर्ची और बड़े व्यापारियों-बिल्डरों को सफेद पर्ची जारी करता था. गुलाबी पर्ची पर 3 से 5 लाख रुपये तक और सफेद पर्ची पर 5 लाख रुपये से ज्यादा वसूले जाते थे. (Atiq-Ashraf Murder Case)
 
माफिया डॉन अतीक अहमद व्यापारियों से चुनावी टैक्स लेता था. वह व्यवसाय और बिल्डर से जुड़े कारोबारियों से इलेक्शन लड़ने के लिए टैक्स लेता था. इसके लिए कारोबारियों को 'गुंडा टैक्स पर्ची' जारी होती थी. ये पर्ची बड़े से लेकर छोटे कारोबारियों को दी जाती थी. गुलाबी पर्ची का रेट 3 लाख रुपये से लेकर 5 रुपये लाख तक था तो वहीं सफेद पर्ची का रेट 5 लाख से ज्यादा निर्धारित था. इसके बाद कारोबारी नकद के साथ अतीक के खाते में भी पैसे जमा कराते थे. अतीक अहमद के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते नंबर 60164021028 में चुनाव टैक्स के पैसे जमा होते थे. (Atiq-Ashraf Murder Case)

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आपको बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद और उसके परिवार की मुश्किलें बढ़ चली गईं. इस घटना से जुड़ी गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अदालत के आदेश पर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को रिमांड में लेकर पूछछात कर रही थी. इस बीच प्रयागराज में 15 अप्रैल को अतीक ब्रदर्स की गोली मारकर हत्या कर दी. तीन हमलावरों ने पुलिस और मीडिया के सामने दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया था. (Atiq-Ashraf Murder Case)