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पत्नी के प्राइवेट पार्ट में डाला तेजाब (सांकेतिक चित्र)
उत्तर प्रदेश के कनौज जिले के गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। शारीरिक संबंध से मना करने पर पति ने कथित रूप से अपनी पत्नी का बलात्कार किया फिर उसके प्राइवेट पार्ट में एसिड डाल दिया। इस ख़ौफ़नाक वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पति फरार हो गया।
इस घटना की सूचना मिलने पर पीड़िता के परिवार वालों ने महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां इसका इलाज चल रहा है।
पीड़िता के पिता ने पति समेत ससुराल पक्ष के तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है।
महिला की शादी आरोपी से करीब 6 साल पहले हुई थी और उसके दो बच्चे भी है। पीड़िता के पिता के मुताबिक़ इतने साल शादी और बच्चे होने के बाद भी उनका दामाद और ससुराल वाले दहेज़ के लिए परेशान करते थे।
कन्नौज के एसपी हरिश्चंद ने बताया,'पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर पति ने उसके प्राइवेट पार्ट के ऊपर एसिड डाल दिया। इस मामले में देवर और देवरानी ने उसका साथ दिया। बुरी तरह जख्मी महिला की हालत गंभीर बनी हुई है।'
#Kannauj: Man poured acid onto wife's genitals allegedly over her refusal for sexual intercourse, woman hospitalised. Case registered pic.twitter.com/TTf3oaSC1Q
— ANI UP (@ANINewsUP) October 31, 2017
पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत दर्ज कर लिया और इस मामले की जांच की जा रही है।
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कोर्ट द्वारा एसिड पर रोक लगाने के बाद भी लोग इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। बाज़ारों में खुले आम अब भी एसिड की बोतले आसानी से बेचीं और खरीदी जा रही है।
एसिड अटैक में कितनी सजा
- एसिड अटैक में आईपीसी की विभिन्ना धाराओं के मुताबिक कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास और आर्थिक दंड है।
- अगर कोई शख्स किसी और पर अंग खराब करने या उसे नुकसान पहुंचाने की नियत से ऐसिड फेंकने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा-326 बी के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
- इस मामले में दोषी पाए जाने पर कम-से-कम 5 साल और ज्यादा-से-ज्यादा 7 साल कैद की सजा हो सकती है।
- आईपीसी की धारा-326 ए के तहत अगर कोई शख्स किसी दूसरे पर ऐसिड से हमला करता है और इस वजह से उस शख्स के शरीर का अंग खराब होता है या शरीर पर जख्म होता है या जलता है या झुलसता है, तो ऐसे शख्स को दोष साबित होने पर कम-से-कम 10 साल कैद और ज्यादा-से-ज्यादा उम्र कैद की सजा दी जा सकती है।
तेजाब हमले की शिकार दिल्ली की लक्ष्मी की साल 2006 में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने तेजाब की बिक्री सहित विभिन्न मुद्दों पर कई अंतरिम दिशानिर्देश जारी किया था।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों (एनसीआरबी) के मुताबिक़, साल 2015 में सबसे ज्यादा एसिड अटैक उत्तर प्रदेेेश में हुए है। एनसीआरबी के मुताबिक देश भर में तेजाब हमले में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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Source : News Nation Bureau