सागरपुर में गुरुवार को लूट और मर्डर के जिस सीसीटीवी फुटेज को देखकर दिल्ली वाले दहल गए थे, आज वही तीन हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में खड़े हैं. हालांकि, पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद इनके चेहरे पर बिखरती मुस्कान बता रही है कि इन्हें अपने गुनाह या पुलिस की गिरफ्त में आने का कोई मलाल या बैचैनी नहीं है. तीनों आरोपियों को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया. तीनों ने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि वारदात के समय वह शराब और गांजे के नशे में थे. उस रात डाबरी और सागरपुर में दो चोरी की वारदात को अंजाम दे चुके थे.
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बता दें कि गुरुवार तड़के जब एक युवक सुनसान रास्ते पर बैग लिए जाता नजर आया तो उसे लूटने का इरादा कर लिया. विरोध करने पर सुनील उर्फ कालू नाम के आरोपी ने चाकू से हमला कर दिया. वारदात 26 सितंबर की तड़के 4:30 बजे हुई थी. सागरपुर में किराए पर रहने वाला मोनू त्यागी (26) अपने परिवार में एक बच्चे के जन्मदिन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित अपने घर जाने के लिए निकला था. रास्ते में सुनील और उसके दो साथियों ने उसे लूटपाट के इरादे से घेर लिया. विरोध करने पर सुनील ने उसके पर चाकू से वार किए. मोबाइल और पर्स लूटकर फरार हो गए. पुलिस मौके पर पहुंची तो मोनू की मौत हो चुकी थी.
डीसीपी देवेंद्र आर्य ने बताया कि घटनास्थल के आसपास मिले सीसीटीवी फुटेज और इंटेलिजेंस से आरोपियों की पहचान हो गई है. तीनों आसपास के एरिया के रहने वाले निकले. वारदात के अगले 6 घंटों में रमेश नाम का आरोपी पकड़ा गया. अगले 6 घंटों में बाकी दोनों आरोपी सुनील और राहुल भी गिरफ्तार हो गए. आरोपियों से हत्या में इस्तेमाल चाकू खून से सने कपड़े और विक्टिम का मोबाइल रिकवर हुआ.
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तीनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. मीडिया के कैमरे के आगे भी तीनों ने मर्डर करना कबूल किया है. आरोपी मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं कि उस रात नशे में थे शराब और गांजा पिया था. डीसीपी का कहना है कि तीनों के खिलाफ इससे पहले मामूली अपराध के 1 या 2 मामले दर्ज हैं, लेकिन संगीन अपराध में शामिल होने का यह पहला मामला है.
Source : अवनीश चौधरी