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नीरव और चौकसी के बाद APG शिपयार्ड ने बैंकिंग सेक्टर को लगाया सबसे बड़ा चूना

बैंकों को चूना लगाकर विदेश भाग चुके नीरव मोदी, मेहुल चौकसी,विजय मालया के बाद अब एक और कंपनी का नाम जुड़ गया है, ABG शिपयार्ड. जिस पर करीब 22 हज़ार 842 करोड़ की देनदारी 22 बैंकों की है.

Updated on: 13 Feb 2022, 09:37 PM

नई दिल्ली:

बैंकों को चूना लगाकर विदेश भाग चुके नीरव मोदी, मेहुल चौकसी,विजय मालया के बाद अब एक और कंपनी का नाम जुड़ गया है, ABG शिपयार्ड. जिस पर करीब 22 हज़ार 842 करोड़ की देनदारी 22 बैंकों की है. जिसमें सबसे ज़्यादा कर्ज़ आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई बैंक का बकाया है. इस मामले पर आज देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने साफ किया है कि आखिर क्या क्या हुआ? बैंकों में एसबीआई ने आईसीआईसीआई नाम लेकर कहा कि सबसे बड़ी देनदारी आईसीआईसीआई की है. उसके साथ करीब 22 बैंकों का पैसा डूबा है.

एसबीआई के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक के साथ करीब 22 से ज़्यादा बैंकों के समूह ने ABG शिपयार्ड को कर्ज़ दिया, लेकिन कंपनी के ख़राब प्रदर्शन के चलते इसे नुकसान पर नुकसान होता गया. 2013 में कंपनी का प्रदर्शन इतना ख़राब हो गया कि अकाउंट एनपीए हो गया. यही नहीं कंपनी को दुबारा शुरू करने की कोशिश भी की गई, लेकिन कर्ज़ इतना ज्यादा था कि इसे दोबारा शुरू करना किसी बड़े ख़तरे से कम नहीं था. इसमें आपराधिक धोखाधड़ी, धन का दुरुपयोग और लोन दिए जाने के समय के दौरान अधिकारियों और शिपयार्ड के बीच हुए समझौतों को भी ध्यान में रखते हुए अब सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है.

आपको बता दें कि बैंकिंग फ्रॉड का ये अब तक का सबसे बड़ा मामला है जिसकी सीबीआई जांच कर रही है. गुजरात की ABG शिपयार्ड की शुरुआत 15 मार्च 1985 को हुई थी बैंकिंग सिस्टम से लोन की शुरुआत 2001 में हुई. कंपनी का प्रदर्शन ख़राब होने के बावजूद इसे लोन दिया गया. 2013 में कंपनी का अकाउंट एनपीए में चला गया तब तक 22 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की देन दरी हो चुकी थी. सीबीआई अब इस मामले की जांच कर रही है जिसमें कई स्थानों पर छापेमारी कर डॉक्युमेंट्स बरामद किए गए हैं.
इस मामले में धन का दुरुपयोग, लालच देकर लोन अप्रूवल, धोखाधड़ी पर जांच हो रही है।