हैकरों ने बैंक में डाली डिजिटल डकैती, करोड़ों उड़ाए, IFSC कोड को बदलने में कामयाब रहे

कर्नाटक के विजयनगर जिले से डिजिटल डकैती का मामला सामने आया है. यहां पर साइबर ठगों ने एक बैंक के ही ट्रांजेक्शन सिस्टम को हैक कर डाला. हैकरों ने अकाउंट नंबरों को ही बदल डाला. इस बीच कुल 2.34 करोड़ की ठगी हुई. 

कर्नाटक के विजयनगर जिले से डिजिटल डकैती का मामला सामने आया है. यहां पर साइबर ठगों ने एक बैंक के ही ट्रांजेक्शन सिस्टम को हैक कर डाला. हैकरों ने अकाउंट नंबरों को ही बदल डाला. इस बीच कुल 2.34 करोड़ की ठगी हुई. 

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Mohit Saxena
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Hackers place order of over Rs 97k from victim’s Swiggy account, two held

hacker (social media)

कर्नाटक के विजयनगर जिले में एक बड़ी डिजिटल डकैती का मामला सामने आया है.  यहां पर किसी इंसान के साथ नहीं बल्कि बैंक को ही ठग लिया आया है. हैकरों ने बल्लारी जिला सहकारी केंद्रीय (बीडीसीसी) बैंक से करोड़ों रुपये की ठगी की. बैक को हैकरों ने 2.34 करोड़ रुपयों का चूना लगाया है. ये बैंक विजयनगर और बल्लारी जिलों में चलता है. 
 
इस डकैती में हैकरों ने फिल्मी अंदाज में घटना को अंजाम दिया. बैंक के आरटीजीएस/एनईएफटी ट्रांजैक्शन सिस्टम को हैकरों ने निशाना बनाया. शुरुआती जांच में सामने आया ह कि 10 जनवरी 2025 को बीडीसीसी बैंक से आईडीबीआई बैंक में फंड के रेगुलर ट्रांसफर के वक्त हैकर्स लेनदेन के लिए उत्पन्न XML फाइलों में अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड को बदलने में सफलता मिली है.

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घटना को अंजाम 13 जनवरी 2025 को दिया गया

यहां पर बेनिफीशियरी के नाम वही थे. यह फंड बेनिफीशियरी के आकाउंट में जमा होने के बजाय विभिन्न उत्तरी राज्यों में 25 अलग-अलग अकाउंट्स में पैसे जमा हो गए. इस घटना को अंजाम 13 जनवरी 2025 को दिया गया. तब यह सामने आया कि बैंक की कई शाखाओं द्वारा 10 जनवरी का आरटीजीएस ट्रांस्फर अकाउंट में ये पैसे नहीं पहुंचे. बैंक की जांच में सामने आया है कि अभी तक लोगों को अकाउंट्स में यह पैसे नहीं पहुंचे हैं. बैंक के अनुसार, जांच में सामने आया है कि इस लेनदेन के दौरान 5 लाख से ज्यादा की रकम को निकाला गया. 

सेवाओं को सस्पेंड करने का काम किया

बैंक मैनेजमेंट ने इसके बाद आरटीजीएस/एनईएफटी सेवाओं को सस्पेंड करने का काम किया. इसकी शिकायत होसापेटे टाउन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई. मामले को बल्लारी सीईएन पुलिस स्टेशन को रेफर किया गया है. यहां पर पुलिस ने आईटी अधिनियम की धारा 66 (सी) (डी) और बीएनएस अधिनियम की धारा 318 (3) के तहत  प्राथमिकी दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है. 

 

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