BCCI Guidelines For Family: ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से ही खबरें आ रही थीं की बीसीसीआई खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम बनाने वाला है और परिवार के ट्रैवल करने के लिए भी नियम बदले जा सकते हैं. अब इसी कड़ी में एक बड़ी अपडेट सामने आ रही है. खबरों में बोर्ड की ओर से 10 सूत्रीय एजेंडे की बात हो रही है, जिसे भले ही अभी तक बोर्ड ने ऑफिशियल जारी ना किया हो, लेकिन वह इस वक्त क्रिकेट के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
परिवारों के साथ अलग से ट्रैवल करना
सभी खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है कि वे मैच और प्रैक्टिस सेशन के लिए टीम के साथ यात्रा करें. डिसिप्लिन और टीम के अंदर खिलाड़ियों में एकजुटता बनाए रखने के लिए परिवारों के साथ अलग से साथ अलग ट्रैवल करने की सलाह नहीं दी जाती है. लेकिन, अगर कोई अपवाद, यदि कोई हो, तो मुख्य कोच और चयन समिति के अध्यक्ष द्वारा प्री अप्रूवड होना चाहिए.
खिलाड़ियों के परिवारों के ट्रैवल करने के नियम
बीसीसीआई परिवार के लिए ट्रैवल प्लान में बदलाव करने के बारे में पिछले काफी वक्त से सोच रही थी, जिसकी खबर रिपोर्ट्स के हवाले से हर तरफ है. सामने आए बदले हुए नियमों के अनुसार, परिवार के लिए जो ट्रैवल प्लान में बदलाव किए गए हैं, वो खिलाड़ियों की भलाई और टीम कमिटमेंट्स के बीच संतुलन बनाने के लिए बनाई गई है.
एलिजिबिलिटी: 45 दिनों के विदेशी दौरों के दौरान किसी भी खिलाड़ी की फैमिली, वाइफ और उसके बच्चे 2 हफ्तों के लिए ही साथ रह सकते हैं.
प्रोविजन: खिलाड़ियों के परिवारों के आने पर सिर्फ उनके रहने का खर्च बीसीसीआई उठाएगा, लेकिन इसके अतिरिक्त सारे ही खर्च खिलाड़ियों को खुद ही उठाने होंगे.
कॉर्डिनेशन: कोच, कप्तान और जीएम संचालन द्वारा सहमत तारीखों के दौरान ही परिवारों को ट्रैवल करने की अनुमति दी जाएगी.
अपवाद: इस नीति से किसी भी डिविजन को कोच, कप्तान और जीएम संचालन द्वारा पहले से तय किया जाना चाहिए. जो विजिटर्स टूर के दौरान एडिशनल एक्सपेंसेस आएंंगे उनका खर्च बीसीसीआई नहीं उठाएगी.
आपको बता दें, भारतीय टीम कई बैच में विदेशी दौरों के लिए रवाना होती हैं, लेकिन अब बीसीसीआई द्वारा उठाए जाने वाले इस कदम के बाद खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाएंगे और उन्हें साथ में ही ट्रैवल करना होगा.
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