सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना अच्छा कदम : संजय झा

सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना अच्छा कदम : संजय झा

सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना अच्छा कदम : संजय झा

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IANS
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Sanjay Jha

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पटना, 18 अगस्त (आईएएनएस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता संजय झा ने सीपी राधाकृष्णन को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि राधाकृष्णन दक्षिण भारत से आते हैं। हमारी पार्टी उनका स्वागत करती है। वे पिछड़े वर्ग से भी हैं और हमारे नेता नीतीश कुमार हमेशा से ही समावेशी विकास की बात करते हुए आए हैं।

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उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सीपी राधाकृष्णन देश के अगले राष्ट्रपति बनेंगे। हमारी तरफ से उन्हें बहुत शुभकामनाएं हैं। सामाजिक व्यवस्था को देखते हुए जिस तरह से प्रधानमंत्री ने उनके नाम की घोषणा की है, उसका मैं स्वागत करता हूं। मैं समझता हूं कि उनका उपराष्ट्रपति बनना देश के लिए गौरव का विषय होगा।

इसके अलावा, उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा कि बिहार में इसे लेकर किसी भी प्रकार का रोष नहीं है। वहां के लोग इस पर आपत्ति नहीं जता रहे हैं। लेकिन, मैं देख रहा हूं कि दिल्ली में इसे लेकर कई राजनेताओं को मिर्ची लगी हुई है। वो इसका विरोध कर रहे हैं। आखिर यह सब क्या हो रहा है। यह निश्चित तौर पर राजनीति से प्रेरित कदम है।

उन्होंने कहा कि अगर मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत फर्जी मतदाताओं को चिन्हित करके उन्हें मताधिकार से वंचित किया जा रहा है, तो क्या गलत हो रहा है। क्या अब फर्जी मतदाताओं को भी मतदान का अधिकार देंगे। बिल्कुल नहीं देंगे। मैं देख रहा हूं कि बिहार में लोग बोर्ड लगाकर कह रहे हैं कि जननायक आ रहे हैं। मैं ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा कि जननायक सिर्फ एक ही हुए हैं और उनका नाम कर्पूरी ठाकुर है। जब भी आप जननायक कहेंगे, तो निश्चित तौर पर इसे कर्पूरी ठाकुर से जोड़ा जाएगा और इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि कांग्रेस ने कर्पूरी ठाकुर को प्रताड़ित किया। उन्हें सलाखों के पिछे रखा।

संजय झा ने आगे कहा कि ये लोग वोट चोरी का जिक्र कर रहे हैं। लेकिन, इस बात को भूल रहे हैं कि बिहार में राजद और कांग्रेस के शासनकाल में वोट चोरी होती थी। बिहार की जनता अभी-भी वो दौर भूली नहीं है। वो तो ईवीएम आने के बाद सुधार हुआ है, जब गरीबों को मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ। मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इन लोगों को बिहार से कोई लेना देना नहीं है।

--आईएएनएस

एसएचके/पीएसके

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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