कोरोना को लेकर बिहार सरकार सतर्क, लगातार हो रही निगरानी: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

कोरोना को लेकर बिहार सरकार सतर्क, लगातार हो रही निगरानी: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

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IANS
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Patna: Mangal Pandey addresses a presss conference

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पटना, 31 मई (आईएएनएस)। बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों में एक बार फिर से कोरोना के मरीज मिलने के बाद बिहार सरकार सतर्क हो गई है और इसकी निगरानी कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इसे लेकर जिले के सिविल सर्जनों के साथ बैठक कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना के इस नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोविड की जानकारी मिलने के बाद विभाग द्वारा सारी तैयारियां कर ली गई हैं। सभी प्रमुख अस्पतालों में कोविड की जांच की जा रही है। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वार्ड की भी व्यवस्था कर ली गई है।

उन्होंने कहा, हमलोगों को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इस नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। इस वेरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने निगरानी की श्रेणी में रखा है।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि विभाग इसकी लगातार निगरानी कर रहा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसे लेकर लगातार बैठकें की हैं और आवश्यक दिशा-निर्देश सभी जिलों के सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षकों और प्राचार्यों को दिए गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना को लेकर जो भी व्यवस्थाएं की जानी हैं, वह की गई हैं ताकि व्यवस्था दुरुस्त हो। सरकार अलर्ट मोड में है। सभी प्रमुख अस्पतालों में जांच की सुविधा शुरू कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। बैठक में कोविड-19 संक्रमण की वर्तमान स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, जांच एवं उपचार की व्यवस्था और दवाओं एवं ऑक्सीजन सहित आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति की समीक्षा की गई।

इस मौके पर अपर मुख्य सचिव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है।

आईएनएसएसीओजी के अनुसार, भारत में कोविड-19 के दो नए सब-वेरिएंट- एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन दोनों को मात्र निगरानी में रखे गए वेरिएंट की श्रेणी में रखा है।

उन्होंने बैठक के दौरान सभी सिविल सर्जनों एवं मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों को संदिग्ध मामलों की पहचान, सक्रिय निगरानी और समय पर जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सभी जिलों को किसी भी संभावित परिस्थिति के लिए तैयार रहने के भी निर्देश दिए थे।

इस बैठक में राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं अधीक्षक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया था।

--आईएएनएस

एमएनपी/डीएससी

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