मुंबई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की तुलना बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर से की थी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में केशव उपाध्याय ने इस तुलना को पूरी तरह गलत और आपत्तिजनक बताया और कहा कि उदित राज को इतिहास की जानकारी नहीं है, क्योंकि गांधी-नेहरू परिवार ने हमेशा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ रवैया अपनाया है।
उन्होंने कांग्रेस के इतिहास के कई उदाहरण गिनाए, जिनमें इन समुदायों के साथ कथित अन्याय हुआ। उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर को दो बार लोकसभा चुनाव में हराया और उन्हें संसद में आने से रोका। इसके अलावा, दलित समुदाय के कद्दावर नेता जगजीवन राम को भी इंदिरा गांधी ने अपमानित किया और उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए समर्थन वापस ले लिया।
उन्होंने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने में कांग्रेस की अनिच्छा और 2010 में ओबीसी जनगणना के प्रस्ताव को ठुकराने का जिक्र किया और कहा कि जब सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रही थीं, तब सीताराम केसरी के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जो ओबीसी और एससी समुदायों के प्रति उनके नकारात्मक रवैये को दर्शाते हैं। उपाध्याय ने मांग की कि उदित राज को अपनी इस तुलना के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने एक हालिया सर्वे का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में चुना गया, जबकि डोनाल्ड ट्रंप आठवें स्थान पर रहे। उपाध्याय ने इसे गर्व की बात बताते हुए कहा कि पीएम मोदी का कद वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ रहा है। वे विश्व गुरु के रूप में माने जा रहे हैं, जो भारत के लिए गौरव का विषय है।
उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक लेख पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की कुछ मुस्लिम नेताओं से मुलाकात पर टिप्पणी की गई थी।
उन्होंने कहा कि संजय राउत हमेशा गलत बयानबाजी करते हैं। भारत में हर नागरिक हिंदू है, भले ही उसका धर्म, भाषा या पूजा का तरीका अलग हो। मोहन भागवत पहले भी कई समुदायों के लोगों से मिलते रहे हैं, और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) पर विपक्ष के हमले पर उपाध्याय ने तंज कसा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को सही और गलत मतदाताओं की जांच से भी आपत्ति है। अगर विपक्ष को जनता का विश्वास जीतना है, तो उसे अपनी हार का ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) या चुनाव आयोग पर फोड़ने के बजाय जनता के बीच जाना चाहिए।
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