फर्जी बाबाओं को पकड़ने के लिए ऑपरेशन कालनेमि जरूरी: प्रो. रामनारायण द्विवेदी

फर्जी बाबाओं को पकड़ने के लिए ऑपरेशन कालनेमि जरूरी: प्रो. रामनारायण द्विवेदी

फर्जी बाबाओं को पकड़ने के लिए ऑपरेशन कालनेमि जरूरी: प्रो. रामनारायण द्विवेदी

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IANS
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Operation Kalnemi

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वाराणसी, 16 जुलाई (आईएएनएस)। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी और बीएचयू ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि की तारीफ की है। दोनों ने इस ऑपरेशन के तहत फर्जी बाबाओं को पकड़ने के कदम को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि मौजूदा समय में बड़ी संख्या में फर्जी बाबा सिर्फ धनार्जन करने के लिए इधर-उधर घूम रहे हैं, जिन पर अंकुश लगाना जरूरी हो जाता है।

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काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि समाज में मौजूद सभी बाबाओं का किसी ना किसी संस्था या अखाड़े से संबद्ध होना जरूरी है ताकि यह साफ हो सके कि यह लोग कहां से आते हैं और किस पृष्ठभूमि से आते हैं। इससे यह भी साफ हो जाएगा कि मौजूदा समय में कितने साधु-संत हमारे बीच में मौजूद हैं, क्योंकि ऐसा देखने को मिल रहा है कि बड़ी संख्या में फर्जी साधु-संतों की संख्या बढ़ रही है, जो हमारे बीच में रंगे सियार की तरह घूम रहे हैं। ऐसे फर्जी बाबाओं को पकड़ने की दिशा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से शुरू किया गया यह ऑपरेशन काफी अहम है।

उन्होंने कहा कि हमारे बीच में जब कभी कोई ऐसी आपराधिक घटना सामने आती है और उसमें किसी साधु संत के शामिल होने की बात कही जाती है, ऐसे में वो साधु संत भी बदनाम हो जाते हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानव और राष्ट्र सेवा को समर्पित कर दिया है। ऐसी स्थिति में अगर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐसा ऑपरेशन शुरू किया है, तो निश्चित तौर पर हम सबको उसका स्वागत करना चाहिए। इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि अब तक इस ऑपरेशन के तहत कई फर्जी बाबाओं और साधुओं को पकड़ा जा चुका है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से खास अपील की कि वो इस काम को अकेले नहीं करें। अगर वो इस ऑपरेशन को अंजाम देना चाहते हैं, तो बाकायदा एक कमेटी का गठन करें और इसमें कुछ अन्य अखाड़ों से संबंद्ध सांधु संतों को शामिल करें ताकि ऐसे फर्जी बाबाओं को चिन्हित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को न महज उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश में शुरू किया जाना चाहिए, ताकि फर्जी बाबाओं को विराम लग सके, क्योंकि बड़ी संख्या में फर्जी बाबा घूम रहे हैं। हाल ही में छांगुर बाबा का भी नाम सामने आया है, जो भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में लेकर उनका धर्मांतरण करा रहा था। ऐसी स्थिति में ऐसे बाबाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि समाज में शूचिता बरकरार रहे।

महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर संकेत करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में हमारे प्रदेश में भी इस तरह का ऑपरेशन शुरू किया जाएगा ताकि फर्जी बाबाओं पर रोक लगाई जा सके, क्योंकि ऐसे लोग समाज के ताने-बाने को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और हम ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

इसके अलावा, बीएचयू ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी की तरफ से शुरू किए गए ऑपरेशन कालनेमि की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस तरह का ऑपरेशन काफी पहले ही शुरू हो जाना चाहिए था। मैं कहूंगा कि इसे काफी देर से शुरू किया गया है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बहुत सारे संत हमारे समाज में धन अर्जित करने के लिए घूम रहे हैं। कई बार यह लोग आपराधिक गतिविधियों में भी संलिप्त पाए जाते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर यह लोग क्यों साधु-संत का ही भेष धारण करते हैं। हमें यह समझना होगा, क्योंकि संत की समाज में अपनी गरिमा होती है और यह लोग इस गरिमा का सहारा लेकर समाज में अपने नापाक मंसूबों को धरातल पर उतारने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी साधु-संतों की वजह से समाज में मौजूद असली साधु-संतों की गरिमा पर कुठाराघात हो रहा है। लिहाजा हमें असली साधु-संतों की गरिमा को बचाने के लिए ऑपरेशन कालनेमि बहुत अच्छा है। यह ऑपरेशन सराहनीय है।

प्रो. विनय कुमार पांडेय ने कहा कि इस तरह का ऑपरेशन ना सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश में देखने में होना चाहिए, ताकि फर्जी बाबाओं को रोका जा सके और साधु संतों की गरिमा को बचाया जा सके। इस तरह के फर्जी संत ना सिर्फ हिंदू बल्कि हर धर्म में पाए जाते हैं। लेकिन, इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि हिंदू धर्म में इस तरह के फर्जी बाबाओं की संख्या में तेज वृद्धि देखने को मिल रही है।

--आईएएनएस

एसएचके/डीएससी

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