चुपचाप पैर पसारती है ये आंत से जुड़ी बीमारी, लक्षणों को न करें अनदेखा

चुपचाप पैर पसारती है ये आंत से जुड़ी बीमारी, लक्षणों को न करें अनदेखा

चुपचाप पैर पसारती है ये आंत से जुड़ी बीमारी, लक्षणों को न करें अनदेखा

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IANS
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चुपचाप पेट में पैर पसारती है ये आंत से जुड़ी बीमारी, लक्षणों को न करें अनदेखा

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। व्यवस्त जीवनशैली में कई बार पोषण से जुड़ी जरूरतें नजरअंदाज हो जाती हैं और भागदौड़ भरी जिंदगी की रफ्तार में स्वास्थ्य कहीं पीछे छूट जाता है। इससे शरीर में कई बीमारियां घर करने लगती हैं और उनका पता तब चलता है, जब बात हाथ से निकल जाती है।

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अक्सर हम पेट के हल्के दर्द को मामूली समझकर छोड़ देते हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। यह असल में यह आंतों की खराब सेहत का इशारा हो सकता है, जो आगे चलकर किसी बड़ी बीमार का रूप ले सकता है।

आंत हमारे शरीर का अहम हिस्सा होता है, जो शरीर की गंदगी को बाहर निकालने का काम करता है। आंतों का संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी छोटी या बड़ी आंतों में बढ़ने लगते हैं और धीरे-धीरे पेट दर्द, पाचन, कब्ज, हॉर्मोन असंतुलन, उल्टी, बुखार जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। कुछ आंतों में ज्यादा परेशानी होने पर कीड़े भी हो जाते हैं और ये स्थिति शरीर को कमजोर और बेहद बीमार कर सकती है।

आंतों का संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गंदा पानी और दूषित भोजन का सेवन करना, बार-बार एंटीबायोटिक लेना, कमजोर पाचन प्रणाली का होना, बिना हाथ साफ किए भोजन खाना, जंक फूड ज्यादा खाना, और तनाव लेना शामिल है।

आयुर्वेद में आंतों की देखभाल के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इसके लिए रोजाना दोपहर के समय छाछ का सेवन कर सकते हैं। छाछ आंतों के लिए औषधि है। इसमें हींग और जीरा मिलाकर पीने से आंतों का बैक्टीरिया खत्म होता है। दूसरा, अनार का रस पीने से भी आंतों को ठीक से काम करने की क्षमता मिलती है। इससे आंतों में फैलने वाला संक्रमण नियंत्रित होगा। अगर संक्रमण की वजह से पेट खराब हो गया है और दस्त की शिकायत है, तो अनार का सेवन जरूर करें।

तीसरा, आयुर्वेद में बेल को अतिसार नाशक माना गया है, जो ठंडक से भरपूर होता है। ऐसे में बेल का जूस आंतों के लिए लाभकारी होता है। गर्मियों में बेल का जूस आंतों को साफ करने में मदद करता है। चौथा, त्रिफला चूर्ण का सेवन भी आंतों के लिए दवा की तरह है। त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से आंतों की सफाई होती है और संक्रमण का खतरा कम होता है।

पांचवा, दूध के साथ हल्दी का सेवन भी आंतों को साफ करने में मदद करता है और आंतों की सूजन को कम करता है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर की अंदरूनी सूजन को कम करते हैं।

--आईएएनएस

पीएस/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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