दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की जांच की आलोचना की है।
दीपांकर भट्टाचार्य ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अचानक मतदाता सूची पुनरीक्षण की घोषणा की। आयोग की इस घोषणा से बिहार के मतदाता परेशानी में आ गए हैं। बिहार में लगभग आठ करोड़ मतदाता हैं। एक महीने में सभी मतदाताओं की जांच नहीं की जा सकती है। लेकिन, चुनाव आयोग इन समस्याओं से बिल्कुल बेफिक्र है।
उन्होंने सवाल किया कि अभी 2024 का लोकसभा चुनाव समाप्त हुआ है, क्या उसमें वोटर लिस्ट गलत था कि अभी आयोग को इसमें सुधार की जरूरत पड़ी है। महाराष्ट्र चुनाव के समय भी यह बात उठी थी। बिहार चुनाव से पहले यह बड़ा सवाल है।
भारतीय जनता पार्टी मतदाता सूची पुनरीक्षण का समर्थन कर रही है। इस पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यह किसी पार्टी का मुद्दा नहीं है, न ही किसी गठबंधन का मामला है। यह मतदाताओं से जुड़ा मामला है। उनकी परेशानी से जुड़ा हुआ है, उनके अधिकार से जुड़ा हुआ है। कोई भी पार्टी हमेशा सत्ता में नहीं रहती। सभी को विपक्ष में आना है। इसलिए मैं कह रहा हूं कि यह मतदाताओं का मामला है। उनके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
आप के अरविंद केजरीवाल और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने पर भट्टाचार्य ने कहा, कोई भी पार्टी चुनाव लड़ सकती है। उन्हें जनता के मुद्दों को सामने लाना चाहिए।
इंडिया ब्लॉक पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के लिए संविधान सबसे बड़ा एजेंडा है, 2024 लोकसभा चुनाव में भी था और अब भी है। सभी साझा एजेंडे पर काम कर रही हैं।
ममता बनर्जी की इंडिया ब्लॉक में भूमिका पर उन्होंने कहा कि वह अब भी गठबंधन का हिस्सा हैं और सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। उनकी पार्टी ने भी चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल उठाया है।
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