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Merry Christmas 2022: जानें कहां हुआ था प्रभु ईसा मसीह का जन्म, यहां पढ़ें

हर साल दिनांक 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है

Updated on: 25 Dec 2022, 08:41 AM

नई दिल्ली :

Merry Christmas 2022: हर साल दिनांक 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. क्रिसमस का ये त्योहार खासकर बच्चों को इसका बेसब्री से इंतजार होता है. ये त्योहार लोगों को आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है. ये त्योहार सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मदिन के तौर पर क्रिसमस मनाई जाती है. प्रभु ईसा मसीह ने धर्म के पुराने तरीके को बदलकर नए तरीके से लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षा दी थी. तो आइए आज हम आपको ईसा मसीह के जन्म से जुड़ी कहानी के बारे में बताएंगे. इसका अलावा किसको धर्म की शिक्षा प्रदान की थी. 

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कहां और कैसे हुआ था ईसा मसीह का जन्म
ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को रोमन राज्य के बेथलहम में हुआ था. इनके माता-पिता जोसेफ और मरियम थे. आपको बता दें, मरियम की सगाई जोसेफ से पहले ही हो गई थी, वहीं ईश्वर के आशीर्वाद से मरियम पहले ही रहस्यमयी तरीके से गर्भवती बन गई थी. उसके बाद जोसेफ और मरियम ने शादी की. जोसेफ और मरियम ने अपने बेटे के नाम काइस्ट जेशू रखा था, जो बाद में जीसस में बदल गया. 

जीसस के जन्म से पहले सपने में आए थे स्वर्ग दूत
बाइबल के अनुसार जीसस का जब जन्म हुआ था, उससे ठीक पहले मरियम और जोसेफ के सपने में दो अच्छे दूत आए थे. दोनों दूतों ने जोसेफ और मरियम को आशीर्वाद दिया और कहा आपको पुत्र की प्राप्ति होती है. 

यहूदियों को दिया धर्म का संदेश
कहते हैं, जब जीसस 12 साल के हुए थे, तब उन्होंने अपने गुरुओं से शिक्षा ली थी, उसके बाद उन्होंने 30 साल की उम्र में संत जॉन से धर्म की शिक्षा की शिक्षा ली थी. उसके बाद उन्होंने सबको धर्म का पाठ पढ़ाया और लोगों को इंसानियत सिखाई. 

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जीसस को मिला ईश्वर का दर्जा
ईसा मसीह ने जब धर्म का शिक्षा दिया था, तब वह ईसाई धर्म कहा गया. बाद में उनका ये कदम रोमन राजाओं को भारी पड़ गया और रोमन राजा इसका विरोध करने लग गए. इसके बाद उन्होंने जीसस के साथ-साथ लोगों पर अत्याचार करना शुरु कर दिया था. तभी  से लोगों ने जीसस को ही अपना ईश्वर मानने लगे. बाद में रोमन राजा ने जीसस को इसके लिए मृत्युदंड दिया.