चीन में भारत के राजदूत ने भारतीय सेना के वीर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि, पराक्रम को किया याद

चीन में भारत के राजदूत ने भारतीय सेना के वीर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि, पराक्रम को किया याद

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IANS
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चीन में भारत के राजदूत ने भारतीय सेना के वीर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि, पराक्रम किए गए याद

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस) चीन में नियुक्त भारत के राजदूत ने भारतीय सेना के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। यह श्रद्धांजलि हांगकांग में आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम में दी गई। हांगकांग के हैप्पी वैली स्थित इंडियन सोल्जर्स वॉर मेमोरियल पर एक गंभीर और गरिमामय समारोह हुआ।

इस समारोह में चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने प्रथम विश्व युद्ध (1914–1919) के दौरान हांगकांग की रक्षा करने वाले ब्रिटिश भारतीय सेना के बहादुर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उल्लेखनीय है कि आज भी भारतीय सेना न केवल भारत में बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मिशनों का हिस्सा बनती है। इसके तहत विश्व के अलग-अलग हिस्सों में यूएन के अंतर्गत शांति स्थापना एवं मानवीय सहायता से जुड़े कार्यों में भारतीय सेना के जवान योगदान देते हैं।

विशेष तौर पर भूकंप एवं बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित देशों में भारतीय सेना द्वारा मानवीय सहायता के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर राहत एवं बचाव कार्य किए गए हैं। यही कारण है कि भारत के बाहर भी भारतीय सेना को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

हांगकांग की बात करें तो यहां सन 1928 में जनसहयोग से निर्मित यह स्मारक उन वीर जवानों की बहादुरी, बलिदान और अटूट समर्पण का प्रतीक है। यह स्मारक प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हांगकांग में तैनात भारतीय सैनिकों की स्मृति में स्थापित किया गया था, जिनमें से कई ने अपने प्राणों की आहुति दी। यह स्थल वर्षों से स्मरण और सम्मान का केंद्र रहा है, जहां अनेक विशिष्ट भारतीय गणमान्यजन पधार चुके हैं, जिनमें भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन (1957) और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1991) शामिल हैं।

यह दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों और आपसी सम्मान को दर्शाता है। इस वर्ष के समारोह की एक और विशेष उपलब्धि रही। यहां इस स्मारक पर सौंदर्यीकरण के कार्य पूर्ण किए गए हैं। इन कार्यों के सफल समापन से यह सुनिश्चित हुआ है कि यह ऐतिहासिक स्थल भविष्य में भी उसी गरिमा और सम्मान के साथ संरक्षित रहे।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और हांगकांग के साझा इतिहास में यह स्मारक न केवल एक प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और गर्व का स्रोत भी बना रहेगा। इस अवसर पर भारतीय समुदाय एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने समारोह को और भी भावपूर्ण बना दिया।

--आईएएनएस

जीसीबी/डीएससी/जीकेटी

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