छत्रपति शिवाजी पर गलत टिप्पणी के लिए माफी मांगे गायकवाड़: जयश्री शेल्के

छत्रपति शिवाजी पर गलत टिप्पणी के लिए माफी मांगे गायकवाड़: जयश्री शेल्के

छत्रपति शिवाजी पर गलत टिप्पणी के लिए माफी मांगे गायकवाड़: जयश्री शेल्के

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IANS
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छत्रपति शिवाजी पर गलत टिप्पणी के लिए माफी मांगे गायकवाड़ : जयश्री शेल्के

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बुलढाणा, 6 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर राजनीति गरमाई हुई है। शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के शीर्ष नेताओं और उद्धव और राज ठाकरे की संयुक्त रैली से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हैं। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) की राज्य प्रवक्ता जयश्री शेल्के ने शिवसेना (शिंदे गुट) के एक विधायक संजय गायकवाड़ पर छत्रपति शिवाजी महाराज पर गलत टिप्पणी करने का आरोप लगाया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा।

शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता जयश्री शेल्के ने संजय गायकवाड़ पर आरोप लगाया कि उन्होंने छत्रपति संभाजी राजे और शिवाजी के बारे में भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया। शेल्के ने विधायक की आलोचना करते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।

शेल्के ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, दिल्ली को खुश करने की कोशिश में कोई कितनी लाचारी बरत सकता है, इसकी कोई सीमा होती है क्या? लेकिन कुछ शिंदे समूह के नेता और विधायक इन सभी सीमाओं को पार करने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार को एक विधायक ने जो बयान दिया है, उसमें इस विधायक ने छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, राष्ट्र माता जिजाऊ मां साहेब, महारानी येसूबाई, महारानी तारा रानी का अपमान किया है।

उन्होंने कहा, विधायक को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और जिनकी शिवसेना नकली है, जिनके गले में बाघ का दांत नकली है, ऐसे नकली लोगों से हम महाराष्ट्र के लिए सच्चे प्यार और मराठी के लिए सच्चे प्यार की उम्मीद नहीं कर सकते।

इससे पहले शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक संजय गायकवाड ने भाषा विवाद पर मनसे और शिवसेना (यूबीटी) पर नफरत की राजनीति का आरोप लगाते हुए राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की संयुक्त रैली की आलोचना की थी। इस क्रम में उन्होंने कहा था, यह सिर्फ हिंदी का मामला नहीं है। क्या आप दूसरे राज्य में जाकर हिंदी नहीं बोलेंगे? अगर आपको दुनिया में जिंदा रहना है तो आपको सभी भाषाएं आनी चाहिए। छत्रपति संभाजी महाराज ने 16 भाषाएं सीखी थीं, क्या वे मूर्ख थे? छत्रपति शिवाजी महाराज बहुभाषी थे। तारा रानी, येसूबाई, जीजाऊ ने कई भाषाएं सीखीं। क्या वे सभी लोग मूर्ख थे?

--आईएएनएस

एससीएच/डीएससी

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