छांगुर बाबा मामले पर बोलीं मंत्री प्रतिभा शुक्ला, बेटियां किसी बहकावे में न आएं

छांगुर बाबा मामले पर बोलीं मंत्री प्रतिभा शुक्ला, बेटियां किसी बहकावे में न आएं

छांगुर बाबा मामले पर बोलीं मंत्री प्रतिभा शुक्ला, बेटियां किसी बहकावे में न आएं

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IANS
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छांगुर बाबा मामले पर बोलीं मंत्री प्रतिभा शुक्ला, बेटियां किसी बहकावे में न आएं

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कानपुर, 16 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने छांगुर बाबा मामले को लेकर प्रदेश की बेटियों से अपील की और उनको सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि बेटियां किसी के बहकावे में न आएं। उनका पहला फोकस सिर्फ पढ़ाई पर होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि बेटियों को हर बात अपने माता-पिता से साझा करनी चाहिए ताकि किसी भ्रम या छलावे के कारण उनके जीवन में तनाव न आए। अक्सर कई बार बेटियां अपने मात-पिता से बातों को शेयर नहीं करती हैं। जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।

राज्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म में ही रहना चाहिए। किसी भी बहकावे में नहीं आना चाहिए।

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के मामले में छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद कई पीड़ित युवतियों ने अपनी आपबीती साझा की है, जिससे इस संगठित रैकेट की भयावह सच्चाई सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि बाबा का रैकेट पिछले 15 वर्षों से सक्रिय था और इसने करीब 4,000 लोगों, जिनमें 1,500 युवतियां शामिल हैं को धर्मांतरण के लिए मजबूर किया।

एक पीड़िता की बहन के अनुसार, यह सब 2019 में शुरू हुआ। मेरी बहन अक्टूबर 2019 में गई है। उसके बाद मैसेज के ज़रिए बात हुई है। मैसेज की लिखावट मेरी बहन की लिखावट से मैच नहीं कर रही थी। हमें तब ही शक हो गया था, उसके बाद मेरी बहन की कोई कॉल नहीं आई। मेरी बहन जब दिल्ली से ट्रेवल और टूरिज़्म का कोर्स कर रही थी तब उसकी जान पहचान एक लड़के से हुई थी। वह बताती थी कि बदर अली सिद्दीकी कई बार छांगुर पीर बाबा द्वारा पढ़े गए चावल और पानी लाता था। उसे स्पेशल पानी कहकर पिलाता था। उसने सिर्फ मेरी बहन का ब्रेन वॉश नहीं किया, बल्कि इसमें कई और लड़कियां थीं जो उसका शिकार बनीं।

बता दें कि, छांगुर बाबा का गिरोह हिंदू लड़कियों को निशाना बनाता था। सोशल मीडिया के जरिए पहले संपर्क स्थापित किया जाता, फिर प्रलोभन जैसे धन, नौकरी, या विदेश में अवसर का लालच देकर उन्हें फंसाया जाता था।

--आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

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