40 साल के बाद रक्षाबंधन पर्व पर ऐसा शुभ मुहूर्त, प्रेम के साथ बांधें राखी : ज्योतिषाचार्य अनूप जायसवाल

40 साल के बाद रक्षाबंधन पर्व पर ऐसा शुभ मुहूर्त, प्रेम के साथ बांधें राखी : ज्योतिषाचार्य अनूप जायसवाल

40 साल के बाद रक्षाबंधन पर्व पर ऐसा शुभ मुहूर्त, प्रेम के साथ बांधें राखी : ज्योतिषाचार्य अनूप जायसवाल

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IANS
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चालीस साल के बाद रक्षाबंधन पर्व का शुभ मुहूर्त,  प्रेम के साथ बांधे राखी: ज्योतिषाचार्य अनूप जायसवाल

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बनारस, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन इस बार एक खास और दुर्लभ संयोग में मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन का पर्व पूर्णिमा तिथि के शुक्ल पक्ष में पड़ रहा है और सबसे खास बात ये है कि इस दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा।

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ज्योतिषाचार्य अनूप जायसवाल के अनुसार रक्षाबंधन 8 अगस्त को रात 2 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1 बजकर 22 मिनट तक मनाया जा सकेगा। इस बार के रक्षाबंधन को सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधादित्य राजयोग और सौभाग्य सिद्धि योग जैसे विशेष योग बेहद खास बना रहे हैं। ये दुर्लभ संयोग करीब 40 वर्षों के बाद आया है।

ज्योतिषाचार्य का सुझाव है कि बहनें इस शुभ मुहूर्त में अपने भाइयों को रुद्राक्ष की राखी बांधें और आरती उतारें, जिससे भाइयों को पूरे वर्ष सुख-समृद्धि और रक्षा का आशीर्वाद मिलता रहेगा। इस बार भद्रा का साया न होने से बहनें बिना किसी बाधा के अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी।

उन्होंने कहा, “40 साल बाद ऐसा शुभ मुहूर्त आया है, जिसमें पांच विशेष योग एक साथ बन रहे हैं। इनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधादित्य राजयोग और सौभाग्य सिद्धि योग शामिल है। यह संयोग भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करने के साथ-साथ सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि शनिवार को पड़ने वाला यह पर्व यमुना जी द्वारा अपने भाई को राखी बांधने की परंपरा को और विशेष बनाता है। इस दिन बहनें यदि देवी को चढ़ा हुआ माला पहनाकर और अग्नि की साक्षी में आरती करें, तो यह भाइयों के लिए पूरे वर्ष शुभता लाएगा।

उन्होंने आगे कहा, “भाइयों को भी अपनी बहनों को रक्षा सूत्र बांधना चाहिए, जिससे दोनों का रिश्ता और मजबूत हो। जिन बहनों की शादी में विलंब हो रहा है, उनके लिए इस दिन विशेष कामना करने से विवाह के योग बन सकते हैं।”

जायसवाल ने कहा कि भाई-बहन मिलकर शिव और देवी मंदिर में दर्शन करें, जिससे इस दुर्लभ योग का अधिकतम लाभ प्राप्त हो। यह रक्षाबंधन न केवल भाई-बहन के प्रेम को मजबूत करेगा, बल्कि इस शुभ संयोग के कारण सुख, समृद्धि और पारिवारिक एकता का प्रतीक भी बनेगा।

--आईएएनएस

एकेएस/जीकेटी

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