कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करे सोंठ, जानें इसके वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक लाभ

कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करे सोंठ, जानें इसके वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक लाभ

कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करे सोंठ, जानें इसके वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक लाभ

author-image
IANS
New Update
कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करें सोंठ, जानें इसके वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक लाभ

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। सोंठ, जिसे आमतौर पर सूखी अदरक या ड्राई जिंजर पाउडर के नाम से जानते हैं, भारतीय रसोई और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का एक अहम हिस्सा है। यह केवल एक मसाले के रूप में नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी सदियों से इस्तेमाल में लाई जा रही है। जहां ताजा अदरक में ताजगी और तीखापन होता है, वहीं सोंठ में एक खास तरह की गरमाहट और औषधीय शक्ति होती है, जो इसे बिल्कुल अलग बनाती है। इसे अदरक को सुखाकर बनाया जाता है, लेकिन सुखाने की प्रक्रिया के दौरान इसके गुणों में कई बदलाव आते हैं। यही वजह है कि सोंठ और अदरक दोनों का शरीर पर प्रभाव अलग-अलग होता है। खासकर मानसून में, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, तब सोंठ का सेवन शरीर को भीतर से मजबूती देता है।

Advertisment

अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सोंठ में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन सी और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें जिंजेरोल्स, शोगोल्स, जिंगिबेरीन, लिंलालूल, लिमोनीन और गेरानियोल जैसे जैविक तत्व भी मौजूद होते हैं।

सोंठ में मौजूद जिंजेरोल्स और शोगोल्स पाचन क्रिया में मददगार होते हैं। वहीं, यह सूजन कम करने, दर्द में राहत देने, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। यह गैस, अपच, सर्दी-खांसी, गले की खराश, और जोड़ों के दर्द में बेहद उपयोगी मानी जाती है। इसके अलावा, सोंठ में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को घटाते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में मदद कर सकते हैं।

खास बात यह है कि सोंठ की तासीर गर्म होती है, इसलिए यह ठंड या नमी वाले मौसम में खासतौर से लाभकारी मानी जाती है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग त्रिदोष नाशक के रूप में किया जाता है। यह वात और कफ दोष को संतुलित करता है। सोंठ से बनी चाय या काढ़ा सर्दियों में ऊर्जा और गर्माहट देता है।

इसके साथ ही, जिन लोगों को इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी समस्या रहती है, उनके लिए सोंठ वरदान की तरह काम करती है। यदि सोंठ को घी और मिश्री के साथ खाने के बाद लिया जाए, तो यह पेट को शांत करने और आंतों की मरोड़ से राहत दिलाने में सहायक होता है।

इसके अलावा, सोंठ की सबसे बड़ी विशेषता इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली शक्ति है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण मानसून के मौसम में फैलने वाली मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि से लड़ने में सहायता करते हैं।

यही नहीं, सोंठ का पानी नियमित रूप से पीने से शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है।

--आईएएनएस

पीके/केआर

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment