जानें अपने अधिकार: दुकानदार नहीं ले सकता थैले के Extra पैसे
फोरम ने आदेश दिया कि ग्राहक को थैले का पैसा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता और ऐसा करना सीधे-सीधे सेवा में कमी करना है.
नई दिल्ली:
चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने हाल में बाटा इंडिया लिमिटेड पर एक ग्राहक से जूते का डिब्बा ले जाने के लिए पेपर बैग के लिए तीन रुपया लेने पर नौ हजार रुपये का जुर्माना लगाया. कानून के जानकारों का कहना है कि उपभोक्ता आयोग का यह आदेश पूरे देश में वैधानिक रूप से लागू होगा और अगर थैले को उसी स्टोर से लिया गया है जहां से सामान खरीदा गया है तो फिर स्टोर उस थैले के लिए ग्राहक से अलग से चार्ज नहीं कर सकता. फोरम का यह आदेश दिनेश प्रसाद रतूड़ी की शिकायत पर आया है.
रतूड़ी ने उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) को बताया कि उन्होंने पांच फरवरी को सेक्टर 22डी के जूते के स्टोर से एक जोड़ी जूता खरीदा. स्टोर ने कीमत 402 रुपये ली जिसमें बैग की कीमत भी शामिल थी.
रतूड़ी ने यह कहकर इसका विरोध किया कि बाटा एक तरफ तो थैले के लिए उनसे पैसा ले रहा है और दूसरी तरफ थैले पर उसका ब्रांड भी छपा हुआ है जो कि न्यायोचित नहीं है. रतूड़ी ने तीन रुपये का रिफंड और सेवा में कमी के लिए मुआवजा मांगा. फोरम ने कागज के थैले के लिए अतिरिक्त चार्ज लेने पर बाटा को लताड़ा.
ये भी पढ़ें: World Consumer Rights Day: अपने हक को समझें, बनें जागरूक उपभोक्ता
फोरम ने आदेश दिया कि ग्राहक को थैले का पैसा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता और ऐसा करना सीधे-सीधे सेवा में कमी करना है. उपभोक्ता फोरम ने आदेश दिया कि यह स्टोर की ड्यूटी है कि वह उसका सामान खरीदने वाले को मुफ्त में थैला उपलब्ध कराए.
दिल्ली स्थित वकील सागर सक्सेना ने कहा, 'उपभोक्ता अदालत का यह फैसला पूरे देश में कानूनी रूप से मान्य है. लोग देश में कहीं भी इस आदेश का जिक्र कर सकते है और थैले के लिए पैसा देने से बच सकते हैं. आदेश में साफ है कि अगर थैला पर्यावरण हितैषी है तो भी दुकानदार उसके लिए अतिरिक्त पैसा नहीं ले सकता.'
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें