Wedding Season 2025: देश में होंगी 46 लाख शादियां, 6.5 लाख करोड़ का हो सकता है बंपर कारोबार

Wedding Season 2025: पिछले साल की तुलना में इस बार शादियों की संख्या थोड़ी कम रहेगी. वर्ष 2024 में इसी अवधि में 48 लाख शादियां हुई थीं, लेकिन खर्च में बढ़ोतरी की वजह से कारोबार का आंकड़ा इस बार और बड़ा होगा.

Wedding Season 2025: पिछले साल की तुलना में इस बार शादियों की संख्या थोड़ी कम रहेगी. वर्ष 2024 में इसी अवधि में 48 लाख शादियां हुई थीं, लेकिन खर्च में बढ़ोतरी की वजह से कारोबार का आंकड़ा इस बार और बड़ा होगा.

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Yashodhan Sharma
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wedding Photograph: (wedding)

Wedding Season 2025: देश में नवंबर से शुरू होने जा रहा शादी का सीजन इस बार भी अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने वाला साबित होगा. कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक, 1 नवंबर से 14 दिसंबर 2025 के बीच देशभर में करीब 46 लाख शादियां होने की संभावना है. इन शादियों से करीब 6.50 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है.

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हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस बार शादियों की संख्या थोड़ी कम रहेगी. वर्ष 2024 में इसी अवधि में 48 लाख शादियां हुई थीं, लेकिन खर्च में बढ़ोतरी की वजह से कारोबार का आंकड़ा इस बार और बड़ा होगा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, 'इस साल प्रति शादी खर्च में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जिससे कुल कारोबार में इजाफा तय है.'

कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी (CRTDS) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में ही करीब 4.8 लाख शादियां होने की संभावना है, जिनसे 1.8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है.

कहां कितना खर्च होगा?

कैट के अनुसार, अनुमानित 6.5 लाख करोड़ रुपये के खर्च में —

वस्त्र और साड़ियां: 10%

आभूषण: 15%

इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल्स: 5%

मिठाई व सूखे मेवे: 5%

किराना व सब्जियां: 5%

गिफ्ट आइटम: 4%

अन्य सामान: 6%

सेवाओं में 

  • इवेंट मैनेजमेंट: 5%
  • कैटरिंग: 10%
  • फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी: 2%
  • यात्रा व आतिथ्य: 3%
  • पुष्प सजावट: 4%
  • म्यूजिकल ग्रुप: 3%
  • लाइट एंड साउंड: 3%
  • अन्य सेवाएं: 3% खर्च 

एक करोड़ से अधिक को मिलेगा रोजगार

कैट का कहना है कि इस शादी सीजन से 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को अस्थायी और अंशकालिक रोजगार मिलने की संभावना है. इसमें डेकोरेटर, कैटरर, फ्लोरिस्ट, ट्रांसपोर्टर, कलाकार और होटल-रेस्तरां उद्योग से जुड़े लोग शामिल होंगे.

शादी के ट्रेंड में आया बदलाव

इस बार शादी समारोहों में डिजिटल और आधुनिक ट्रेंड्स तेजी से अपनाए जा रहे हैं. अब 1 से 2 फीसदी शादी बजट सोशल मीडिया कवरेज और डिजिटल कंटेंट निर्माण पर खर्च किया जा रहा है. ऑनलाइन निमंत्रण और एआई-आधारित प्लानिंग टूल्स में भी 25 फीसदी तक वृद्धि दर्ज की गई है.

परिवार अब विदेशी डेस्टिनेशन की बजाय भारतीय स्थलों को प्राथमिकता दे रहे हैं. इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि भारतीय संस्कृति का आकर्षण भी बढ़ेगा. कुल मिलाकर, शादी सीजन 2025 भारतीय बाजार के लिए ‘गोल्डन सीजन’ साबित हो सकता है, जिसमें व्यापार, रोजगार और उत्सव—तीनों की रौनक देखने को मिलेगी.

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