वोडाफोन और आईडिया को केंद्र सरकार से बड़ी राहत, कर्ज में डूबी कंपनी को भुगतान के लिए पांच साल की मोहलत

केंद्र सरकार ने कर्ज संकट से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया को बड़ी राहत दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने 87,695 करोड़ रुपये के AGR बकाये पर अस्थायी रोक और भुगतान के लिए 5 साल की मोहलत को मंजूरी दी. इससे कंपनी को वित्तीय स्थिरता मिलने की उम्मीद है.

केंद्र सरकार ने कर्ज संकट से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया को बड़ी राहत दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने 87,695 करोड़ रुपये के AGR बकाये पर अस्थायी रोक और भुगतान के लिए 5 साल की मोहलत को मंजूरी दी. इससे कंपनी को वित्तीय स्थिरता मिलने की उम्मीद है.

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Jalaj Kumar Mishra
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Vodafone Idea receives major relief from central government

Vodafone Idea (x/ViNewsOfficial)

कर्ज में डूबी Vodafone Idea Limited के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है. बुधवार 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में कंपनी के 87,695 करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व यानी AGR बकाये को लेकर अहम फैसला लिया गया. इसके तहत इस राशि के भुगतान पर अस्थायी रोक लगाने और कंपनी को 5 साल की मोहलत देने को मंजूरी दी गई है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह AGR बकाया वित्त वर्ष 2031-32 से 2040-41 के बीच चरणबद्ध तरीके से चुकाया जाएगा. इस फैसले से लंबे समय से वित्तीय संकट का सामना कर रही वोडाफोन-आइडिया को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. कंपनी पर भारी कर्ज, लगातार घाटा और सीमित निवेश क्षमता के चलते अस्तित्व का संकट बना हुआ था.

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तो AGR बकाया क्या होता है? 

AGR बकाया का अर्थ है वह राशि जो दूरसंचार कंपनियों को अपने समायोजित सकल राजस्व के आधार पर सरकार को देनी होती है. इसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल होते हैं. AGR की गणना में दूरसंचार सेवाओं से होने वाली आय के साथ-साथ गैर-दूरसंचार आय जैसे ब्याज, किराया और परिसंपत्ति बिक्री से प्राप्त आय भी शामिल की जाती है. इसी परिभाषा को लेकर वर्षों से विवाद रहा है, जिसके चलते कंपनियों पर भारी देनदारियां आईं.

5 साल तक बिना बदलाव के देय रहेगा कुछ बकाया

पीटीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 से संबंधित AGR बकाया, जिसे पहले ही भारत का सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2020 के आदेश के तहत अंतिम रूप दे चुका है, उस पर किसी तरह की राहत नहीं दी गई है. यह राशि वोडाफोन-आइडिया को वित्त वर्ष 2025-26 से 2030-31 के बीच बिना किसी बदलाव के चुकानी होगी.

सरकार का मानना है कि इस फैसले से न केवल कंपनी की परिचालन क्षमता बनी रहेगी, बल्कि दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा भी कायम रहेगी. सरकार की वोडाफोन-आइडिया में लगभग 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ऐसे में यह राहत उसके निवेश और राजस्व हितों की भी रक्षा करेगी.

कंपनी की मौजूदा स्थिति कैसी है? 

वोडाफोन-आइडिया लंबे समय से कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा, ऊंचे कर्ज और घटते ग्राहक आधार से जूझ रही है. जहां प्रतिद्वंद्वी कंपनियां 4G और 5G नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रही हैं, वहीं वीआईएल की निवेश क्षमता सीमित रही है. सरकार द्वारा पहले भी बकाये को इक्विटी में बदलने जैसे कदम उठाए गए हैं, जिससे कंपनी किसी तरह संचालन जारी रखे हुए है.

शेयर बाजार में दिखा असर

इस राहत पैकेज की खबर के बाद भी शेयर बाजार में वोडाफोन-आइडिया के शेयर दबाव में नजर आए. दोपहर करीब 3:05 बजे कंपनी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लगभग 10.8 रुपये पर कारोबार कर रहा था, जो करीब 10.36 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक सुधार के लिए कंपनी को नई पूंजी और परिचालन प्रदर्शन में ठोस सुधार की जरूरत होगी.

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