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ट्राई की इस नई सिफारिश से इन टेलीकॉम कंपनियों की होगी मौज 

Telecom Regulator Trai Latest News: नई गाइडलाइंस के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों कोस्पेक्ट्रम प्राप्त करने के 10 साल बाद सरेंडर करने की अनुमति होगी. फिलहाल नई अपडेट के मुताबिक ट्राई ने नई गाइडलांइस को सरकार की मोहर लगवाने भेज दी हैं. 

Updated on: 17 Apr 2022, 01:37 PM

highlights

  • ट्राई ने स्पेक्ट्रम सरेंडर के लिए सरकार को नई सिफारिश की है
  • नई गाइडलांइस को  अभी दूरसंचार विभाग की मंजूरी मिलनी बाकि है

नई दिल्ली:

Telecom Regulator Trai Latest News: टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (Trai) की ओर से बड़ी अपडेट मिल रही है. दरअसल ट्राई ने स्पेक्ट्रम सरेंडर के लिए नई सिफारिश की है, इस नई सिफारिश का फायदा टेलिकॉम कंपनियों को मिलने वाला है. ट्राई के अनुसार नई सिफारिश के अनुसार फ्रीक्वेंसी सरेंडर करते समय टेलिकॉम ऑपरेटर को 1 लाख रुपये का शुल्क देना होगा. नई गाइडलाइंस के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों कोस्पेक्ट्रम प्राप्त करने के 10 साल बाद सरेंडर करने की अनुमति होगी. फिलहाल नई अपडेट के मुताबिक ट्राई ने नई गाइडलांइस को सरकार की मोहर लगवाने भेज दी हैं. 

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टेलिकॉम कंपनियों के लिए बिजनेस होगा आसान
भारत सरकार का दूरसंचार विभाग अगर ट्राई की नई गाइडलांइस पर अपनी मोहर लगा देता है तो इसका फायदा सभी ऑपरेटरों को होगा. नई गाइडलांइस के आ जाने से टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया अपनी लागत में कटौती कर सकेगी. इस सिफारिश टेलिकॉम कंपनियां रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के लिए भी बिजनेस आसान होने वाला है.

बता दें इस समय टेलिकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग प्रोसेस के ज़रिए स्पेक्ट्रम को बेचती हैं.