AGR Dues Case: टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत, AGR के भुगतान के लिए 10 साल का समय मिला

AGR Dues Case: 2021 से 2031 तक सालाना किश्तों में AGR का भुगतान होगा. सालाना भुगतान न देने की स्थिति में ब्याज चुकाना होगा, अदालत की अवमानना की कार्रवाई हो सकती है.

AGR Dues Case: 2021 से 2031 तक सालाना किश्तों में AGR का भुगतान होगा. सालाना भुगतान न देने की स्थिति में ब्याज चुकाना होगा, अदालत की अवमानना की कार्रवाई हो सकती है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)( Photo Credit : फाइल फोटो)

AGR Dues Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया रकम मामले पर टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है. जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) की वजह से टेलीकॉम कंपनियों को करीब डेढ़ लाख करोड़ की AGR देनदारी चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है. कुल देनदारी का 10 फीसदी हिस्सा अगले साल 31 मार्च तक चुकाना होगा. 2021 से 2031 तक सालाना किश्तों में AGR का भुगतान होगा. सालाना भुगतान न देने की स्थिति में ब्याज चुकाना होगा, अदालत की अवमानना की कार्रवाई हो सकती है. टेलीकॉम कंपनियों के एमडी और चैयरमैन को कोर्ट के आदेश के अमल को लेकर अंडरटेकिंग देनी होगी.

Advertisment

यह भी पढ़ें: US में राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिका-भारत में हो सकता है व्यापारिक करार

कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियां अगर 10 साल में भुगतान करने पर डिफॉल्ट करती हैं तो कंपनियों को ब्याज के साथ जुर्माना देना होगा. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और एमआर शाह की बेंच ने कहा कि एजीआर भुगतान की टाइमलाइन 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगी और इसका पूरा भुगतान 31 मार्च 2031 तक होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि AGR के बकाया रकम का रीवैल्यूएशन नहीं किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें: जानकार आज सोने-चांदी में लगा रहे हैं तेजी का अनुमान, देखें टॉप ट्रेडिंग कॉल्स

क्या है पूरा मामला
पिछले साल 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर की सरकार की परिभाषा को सही करार दिया था. कंपनियों का कहना था कि एजीआर के तहत सिर्फ लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम चार्ज आते हैं. लेकिन सरकार इसमें रेंट, डिविडेंड, संपत्ति की बिक्री से लाभ जैसी चीजों को भी शामिल बता रही थी. कोर्ट की तरफ से सरकार की बात को सही करार देने से टेलीकॉम कंपनियों पर 1.5 लाख करोड़ रुपये की देनदारी आ गई थी. एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, आरकॉम समेत सभी कंपनियों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की. इसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। वही सरकार ने बाद में अपना स्टैंड बदलते हुए कहा था कि कि अगर इतनी बड़ी धनराशि का भुगतान मोबाइल कंपनियों को एक साथ करना पड़ा तो टेलीकॉम सेक्टर की स्थिति बहुत बुरी हो जाएगी. इसलिए कंपनियों को किस्तों में भुगतान करने की अनुमति मिलनी चाहिए। सरकार ने भी टेलीकॉम कंपनियों को 20 साल का वक़्त दिए जाने की मांग की थी.

AGR News Supreme Court AGR Hearing Today एजीआर न्यूज एजीआर केस एजीआर सुनवाई आज एजीआर मामला AGR Dues AGR Dues Case AGR Case AGR Case Hearing Today
Advertisment